राज्य
25-May-2023
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भोपाल(ईएमएस)। कोलार सीएचसी में डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के कारण प्रसूता को बेहद तकलीफ से गुजरना पड़ा। यहॉ स्टाफ ने प्रसूता की डिलीवरी के बाद टांके लगाए लेकिर कॉटन बैंडेज शरीर के भीतर ही छोड़ दिया। आरोप है कि उस समय डॉ. आभा शुक्ला ड्यूटी खत्म होने की बात कहते हुए दर्द से कराहती गर्भवती को स्टॉफ के हवाले कर चली गईं। महिला के पति ने पूरे मामले की शिकायत आला चिकित्सा अधिकारियों से की है। जानकारी के मुताबिक फरियादी देवेंद्र सिंह राजपूत ने लिखित शिकायत करते हुए बताया कि उसकी पत्नी शिखा राजपूत गर्भवती थी, और डिलीवरी टाइम नजदीक आने के कारण वह पत्नी को 17 मई को लेकर कोलार रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया था। उसका आरोप है, कि पहले तो यहां मौजूद डॉक्टर आभा शुक्ला ने कहा कि मेरी ड्यूटी टाइम खत्म हो गई है, आप पत्नी को लेकर जेके हॉस्पिटल या कहीं और चले जाइये। लेकिन पत्नी के तेज दर्द होने पर उसने काफी मिन्न्ते की, जिसके बाद डॉ आभा शुक्ला ने स्टाफ से उनकी पत्नि की डिलेवरी करवाने की बात कहकर चली गई। देवेंद्र का कहना है, कि बाद में नर्स ने उनसे इंजेक्शन मंगवाया और उनकी पत्नी को लगाकर जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। इंजेक्शन लगाने के बाद तेज दर्द होने पर भी उनकी पत्नि पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण जनरल वार्ड में ही बेड पर उनकी पत्नी शिखा की डिलेलीवरी हो गई। और खून अधिक बहने लगा, इसके बाद खून रोकने के लिए स्टॉफ ने टांके लगाए गए और कॉटन का इस्तेमाल किया। लेकिन एक कॉटन उनकी पत्नी के पेट में छूट गया। 17 मई को डिलीवरी होने के बाद 19 मई को उनकी पत्नी की छुट्टी कर दी गई। उस समय भी उसकी पत्नि का पेट फूलने और दर्द होने की शिकायत करने पर महिला डॉक्टर ने कहा कि डिलीवरी के बाद ऐसा होना नॉर्मल है, सब ठीक हो जाएगा। पति ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि 21 मई को उनकी पत्नी को पेशाब आना बंद हो गया। तकलीफ होने पर वह उसे लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल गए जहां पर पेशाब निकाल दिया गया। अगले दिन फिर वही परेशानी होने पर वह कोलार सीएचसी गए लेकिन स्टॉफ ने कहा डॉक्टर नहीं है, इसके बाद वह फिर पत्नि को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। तब वहॉ नर्स ने चेकअप करने के बाद शरीर के भीतर से कॉटन का बैंडेज निकाला, जिसके निकलने के बाद उनकी पत्नी को आराम मिल गया। देवेंद्र राजपूत ने आला चिकित्सा अधिकारियों से मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है। जुनेद / 25 मई