राज्य
29-May-2023
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- झुनझुनु में डैकती डालने के लिये गिरोह दिल्लि से पहुंचा था राजस्थान - 7 मोबाइल फोन, हाईटेक उपकरण, 3 देशी पिस्टल, 20 राउंड, नकली आधार कार्ड बरामद - बिहार एवं पश्चिम बंगाल जेल में बंद है गिरोह का मास्टरमांइड - भारत के अधिकतर गोल्ड लोन बैंको की मास्टरमांइड को है जानकारी भोपाल(ईएमएस)। राजधानी भोपाल के पिपलानी थाना इलाके में स्थित फेडरल बैंक लूट केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, टीम ने पहले आरोपियो की तलाश में 5 राज्यों के 20 शहरों की खाक छानते हुए एक आरोपी को बिहार से गिरफ्तार करते हुए वारदात में इस्तेमाल कि गई दो बाइक, फर्जी आधार कार्ड बरामद किया था। आरोपी ने भोपाल में रेकी करने के बाद घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस ने घटना में शामिल अन्य आरोपियो की पहचान जुटाई और उन्हें राजस्थान से दबोच लिया। हैरानी वाली बात यह है, कि भोपाल में डकैती की प्लानिंग यहॉ से 1,200 किमी दूर बिहार एवं पश्चिम बंगाल जेल में बनाई गई थी, और इसका मास्टर माइंड जेल में ही बंद है। बताया गया है, कि पटना जेल में बंद सनी सिंह और बंगाल जेल में बंद मास्टरमाइंड नियंतक और सुबोध सिंह ने यह सारी योजना तैयार की थी। बदमाशो की तलाश में पुलिस की आठ टीमें आगरा, कानपुर, लखनऊ, पटना में सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी। गिरोह ने तगड़ी योजना के मुताबिक डकैती करने से पहले भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर सीहोर और विदिशा में फर्जी आधार कार्ड देकर किराये का मकान लिया था। ऐसे हुई थी बैंक में डकैती कि कोशिश पुलिस के मुताबिक पिपलानी थाना इलाके में स्वर्ण जयंती गेट के सामने स्थित फेड गोल्ड बैंक के मैनैजर विक्रांत राजवैद्य ने शिकायत करते हुए बताया कि 5 अप्रैल को सुबह बैंक खुलने के थोड़ी देर बाद ही 4 नकाबपोश लडके हाथों में पिस्टल लेकर बैंक मे जा घुसे। उन्होने गार्ड को बंधक बनाया और मैनेजर पर पिस्टल तानते हुए जान से मारने की धमकी देकर लॉकर खोलने को कहा। इस लॉकर में करीब पॉच करोड़ का सोना रखा हुआ था। मैनेजर ने हिम्मत और सूझबूझ से काम लेते हुए तत्काल बैंक का साइरन बजा दिया, जिससे घबराकर सभी बदमाश बाइक से फरार हो गए। फरार होते समय बदमाशों से ब्रांच के अंदर एक पिस्टल भी छूट गई थी। पुलिस ने ब्रांच मैनेजर विकरांत राजवैद्य की शिकायत पर लूट के प्रसास सहित अन्य धाराओ में मामला कायम कर छानबीन शुरु की। कई शहरो की खाक छानते हुए पुलिस ऐसे पहुंची एक आरोप तक मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और क्राइम ब्रांच टीम को घटनास्थल के आसपास के लगे सीसीटीवी फुटेज चैक करने के दौरान जानकारी मिली कि वारदात में शामिल एक आरोपी वारदात से 18 दिन पहले भी बैंक में सोने की चैन गिरवी रखकर गोल्ड लोन के सिलसिले में आया था, लेकिन उसके पास लोकल आईडी न होने से उसे लोन देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस टीमों ने आरोपियों के भागने के सभी रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें दो मोटरसाइकिलों पर चार सदिंग्ध बदमाश नजर आये। पुलिस ने भोपाल की सड़को और हाईवे पर लगे सैकड़ो सीसीटीवी कैमरो के फुटेज सहित सीहोर जाकर कैमरे खंगाले, जिसमें आरोपी सीहोर कोतवाली थाने के पीछे एक मकान से आते हुए नजर आये थे। बाद में बदमाश विदिशा से होते हुए ललितपुर, झांसी होते हुए कानपुर, लखनऊ यूपी की और निकल गये। पुलिस ने जब सीहोर के मकान मालिक जगदीश शर्मा से बातचीत की तब उसने बताया कि बीती 16 मार्च को यूपी में रहने वाले अरुण शर्मा और नीतेश यादव नामक युवको ने उनसे कमरा किराये पर लिया था। मकान मालिक ने यह भी बताया कि 22 मार्च को किराये से रहने वाले युवको के दो और साथी उनके पास रुकने आये थे। जॉच में सामने आया कि युवको ने जो डिटेल मकान मालिक को बताई थी, वह फर्जी थी। पुलिस ने आगे की पड़ताल शुरु की और सुरागो के आधार पर सांची, विदिशा में छानबीन की जिसमें पता चला कि विदिशा में आरोपियो ने एक मैकेनिक की दुकान पर बाइक सुधरवाई थी। इसके बाद टीमो ने विदिशा, गुलाबगंज, बीना रेल्वे स्टेशन के फुटेज चेक किये जिसमें बीना रेल्वे स्टेशन पर चारो सदिंग्ध ट्रेन में चढते हुए, ओर झांसी रेल्वे स्टेशन पर चार युवको में से एक युवक उतर कर दूसरी ट्रेन में बैठता हुआ नजर आया। वहीं ग्वालियर, आगरा रेल्वे स्टेशन के फुटेज चेक करने पर वह युवक आगरा स्टेशन पर उतरकर ग्राम अरसेना जाते हुए दिखाई दिया। पुलिस टीम ने जब गॉव में छानबीन की तब पता चला कि वह युवक आनंद इंजीनियरिंग कालेज से पढई कर रहा है। कॉलेज मे पड़ताल करने पर उसकी पहचान प्रेम राज पिता जयप्रकाश नि हाजीपुर वैशाली के रुप मे हुई साथ ही यह भी पता चला कि प्रैम राज 18 मार्च से 5 अप्रैल तक कॉलेज नहीं आया था। प्रेमराज के साथी के बारे में जानकारी जुटाने पर उसके अन्य साथी की पहचान राजा कुमार उर्फ राजा पंडित निवासी शुभई हाजीपुर के रुप में हुई। जानकारी के आधार पर पुलिस की 8 टीमें गठित की गई जो लगातार आगरा, कानपुर, लखनऊ, पटना में सदिंग्धो की तलाश कर रही थी। इस दौरान पटना के मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली कि सदेंही प्रशांत उर्फ राजा पंडित घटना में उपयोग की गई उस बाइक को लेने गया है, जिसे उसके साथियो ने विदिशा में ही छोड दिया थ। खबर मिलने पर क्राइम ब्रांच, पिपलानी की टीमों ने विदिशा में रेल्वे स्टेशन, बस स्टेंड पार्किग पर नजर रखी और 27 अप्रैल को हरिनगर विदिशा में नीले रंग की बाइक लेने आये संदेही प्रशांत झा उर्फ राजा उर्फ पंडित पिता राजेश कुमार झा (20) साल निवासी तुलसी चौक शुभई थाना सदर हाजीपुर जिला वैशाली बिहार गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में हुआ डकैती के मास्टरमाइंड और प्लानिंग का खुलासा पकड़े गये आरोपी प्रशातं झा ने बताया कि उसने अपने साथी प्रेमराज, शिवम दोनों निवासी हाजीपुर वैशाली तथा शिवेश निवासी मुजफ्फरपुर बिहार के साथ मिलकर पिस्टल की नोंक पर फेडबैंक में डकैती का प्रयास किया था। पुलिस ने उसके पास से रैकी के दौरान बैंक से लोन लेने के लिये लाई गई सोने की चैन, नितेश यादव नाम का फर्जी आधार कार्ड जिसमें आरोपी प्रशांत की फोटो है, दो साइकिल, एक मोबाइल फोन जप्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आगे की पूछताछ में प्रशांत उर्फ राजा उर्फ पंडित ने खुलासा किया कि डकैती की पूरी प्लानिंग कोलकाता पश्चिम बंगाल जेल में बंद नियंतक तथा ब्यूरो जेल पटना में बंद सनी सिंह और सुबोध सिंह द्वारा बनाई गई थी। सनी सिंह ने शिवम को डकैती कि लिए तैयार किया था, शिवम घटना से पहले भोपाल में फेड बैंक की लोकेशन देखकर वापस चला गया था, जिसने बिहार जाकर प्रशांत उर्फ राजा, प्रेमराज, शिवशेक उर्फ शिवेश, विपिन तथा नीतिराज को तैयार किया था। सनी सिंह तथा सुबोध सिंह ने अपने गुर्गों से जिनको आरोपी नहीं जानते उनके जरिये से मोटर साइकिल फर्जी आधारकार्ड, सोना एवं आधुनिक उपकरण व मोबाइल फोन, देशी पिस्टल व राउंड भिजवाये थे। जेल में बदं सरगना ऐसे तैयार करता था टीम कोलकाता पश्चिम बंगाल जेल में बंद नियंतक तथा ब्यूरो जेल पटना में बंद सनी सिंह ने बनाई थी। दोनो जेल में बंद गरीबी और आर्थिक रुप से कमजोर युवको का ब्रेन वाश कर अपने गिरोह में शामिल करते और फिर उन्हें मोटी रकम का लालच देकर वारदात को अंजाम देने भेजते थे। प्रशांत उर्फ राजा को नियंतक ने भोपाल की घटना को अंजाम देने के लिए बाइक एक सोने की चेन, नितेश यादव के नाम का फर्जी आधार कार्ड और 35 हजार की रकम भेजी थ। इसी तरह सनी ने शिवम के जरिए प्रेम राज तथा सुरेश को भोपाल की घटना के लिए तैयार किया, और सुरेश को अशोक शर्मा के नाम का फर्जी आधार कार्ड पैसे उपलब्ध कराए थे। शिवम को सनी सिंह ने मोटरसाइकिल 5 कट्टे 50 राउंड भी उपलब्ध कराए थे। प्लानिंग के मुताबिक ऐसे दिया था घटना को अंजाम योजना के सबसे पहले प्रशांत उर्फ राजा पंडित पटना से ट्रेन से वाराणसी और वाराणसी से बस में बैठकर 15 अप्रैल को भोपाल आया। घटना के मास्टरमाइंडों ने सभी को भोपाल से करीब 40-50 किलोमीटर दूर रहने को कहा गया था। इसलिए प्रशांत उर्फ राजा भोपाल से विदिशा और शुभम विदिशा ने 16 मार्च को सीहोर में मकान मालिक को अशोक शर्मा एवं नितेश यादव नाम बता कर फर्जी आधार कार्ड देकर कमरा ले लिया। 18 मार्च को योजना के मुताबिक दोनों भोपाल आए और फेडबैंक की रेकी की। प्रशांत चैन के बदले लोन लेने के बहाने बैंक में गया और बैंक में नितेश यादव नाम की एंट्री कर वहां की रेकी की और सीहोर आ गए। 22 मार्च को प्रेम राज, शिवेश दो बाइको से कट्टे राउंड लेकर सीहोर आ गए। सुरेश और प्रेम ने विदिशा में घटना से चार-पांच दिन पहले हरी नगर में किराए का मकान ले लिया था। 5 अप्रैल को सुबह 10 बजे जैसे ही बैंक खुला आरोपियों ने बैंक लूटने का प्रयास किया लेकिन मैनेजर के सायरन बजाने से डरकर चारों आरोपी बाइक उठाकर भाग गये। चारो विदिशा पहुंचे वहॉ बाइक छोड़कर ऑटो से राहतगढ़ होते हुए बीना और बीना से ट्रेन से झांसी पहुंचे। झांसी में प्रेम राज कट्टे वाला बैग लेकर उतर गया, सुरेश लखनऊ में उतर गया, शिवम तथा राजा पंडित वाराणसी में उतरे और वाराणसी ट्रेन से पटना पहुंचे। अधिकारियो ने बताया कि आरोपी प्रशांत झा उर्फ राजा पंडित प्रेम राज शिवम के ऊपर पूर्व से लूट डकैती के मामले दर्ज है, वहीं प्रेमराज के खिलाफ थाना हाजीपुर में लूट एवं एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण दर्ज है। आरोपी शिवेश का भी आपराधिक रिकॉर्ड है। आरोपी राजा कुमार थाना हाजीपुर से शराब तस्करी के मामले में फरार चल रहा है। सभी आरोपी एक दूसरे से हाजीपुर जेल में मिले थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी राजा कुमार उर्फ राजा पंडित का रिमांड लेकर आगे की पूछताछ करने के साथ ही डकैती मामले में फरार प्रेम राज निवासी बिहार, शिवम निवासी हाजीपुर और शिवेश निवासी मुजफ्फरनगर की सरगर्मी से तलाश शुरु की। पॉच और बदमाश ऐसे चढ़े हत्थे गिरफ्तार आरोपी राजा पंडित द्वारा उसके साथियों के बारे में मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम लगातार आरोपियों के संभावित ठिकानो पर नजर रख रही थी। सभी आरोपी घटना के बाद घऱ नहीं आये थे। इसी दौरान टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि घटना के फरार आरोपी दिल्ली में रह रहे थे, जो यहॉ से भागकर इन दिनो राजस्थान के झुनझुनु में है, और झुनझुनु में भी किसी गोल्ड बैंक में डकैती डालने के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंचे हैं। खबर मिलने पर भोपाल पुलिस पार्टी झुनझुनु राजस्थान भेजी गई। पुलिस टीम ने अपना हुलिया बदलकर राजस्थान की ही वेशभूषा धारण कर झुनझुन में आरोपियों के ठिकाने की जानकारी। पता चला कि सभी आरोपी एक मकान में किराये से रह रहे थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच एवं थाना पिपलानी पुलिस की संयुक्त टीम तैयार कर राजस्थान रवाना किया गया। टीम ने झुनझुनु में आरोपियो के ठिकाने पर दबिश देते हुए प्रेमराज यादव पिता जयप्रकाश यादव (23) निवासी ग्राम दयालपुर पोस्ट, राजा पाकर जिला बैशाली (बिहार), शिवम कुमार पिता सहेद सिंह (35) निवासी अलीपुर थाना राजा पाकर जिला बैशाली (बिहार), शिवशेक रंजन पिता नवीन कुमार सिंह (24) निवासी पुरूषोत्तमपुर जिला भुजशंकरपुर (बिहार), विपिन कुमार पिता शिवनारायण शाह (25) निवासी ग्राम तुर्की पोस्ट, चडवा जिला मुबारकपुर (बिहार) और नीतिराज उर्फ प्रिंस पिता देवदत्त (27) निवासी ग्राम भरतपुर पोस्ट, हाजीपुर जिला बैशाली (बिहार) को गिरफ्तार कर लिया। बदमाशो के पास से 7 मोबाइल फोन, हाईटेक उपकरण, 3 देशी पिस्टल, 20 राउंड सहित डकैती डालने के लिये उपयोग किये जाने वाला अन्य सामान बरामद किया है। झुनझुन स्थित फेड गोल्ड लोन बैंक में डकैती की पूरी तैयारी कर चुके था गिरोह अफसरो ने बताया की पूछताछ में सामने आया कि दिल्ली मे रहने के दौरान ही सन्नी सिंह व सुबोध सिंह ने आरोपियो को राजस्थान के झुनझुन में स्थित फेड गोल्ड लोन बैंक में डैकती करने लिए तैयार किया, इस डकैती के लिये शिवम को हेड बनाया गया। शिवम, सन्नी सिंह व सुबोध से दिशा निर्देश ले रहा था। इस घटना के लिए सुबोध सिंह व सन्नी सिंह ने पैसे, व सोनी की अंगूठी भिजवाई थी।गिरोह झुनझुन स्थित फेड गोल्ड लोन बैंक में डकैती डालने के लिये पूरी योजना बना चुका था, जिसके लिये बैंक सहित इलाके की रैकी भी गिरोह द्वारा कर ली गई थी, और कुछ ही दिनों में डकैती को को अंजाम देने वाले थे। पुलिस आरोपियो को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ कर रही है। जुनेद / 29 मई