व्यापार
03-Jun-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। मैक्वेरी की सड़क संपत्तियों को नहीं खरीदने के अलावा अदाणी समूह अब अन्य कंपनियों के अधिग्रहण से भी पीछे हट गया है। बैंकरों ने बताया कि समूह अब बिजली संयंत्र, एक खुदरा कंपनी, ऊर्जा व्यापार और सड़क परियोजनाओं का अधिग्रहण नहीं करने की योजना बनाई है। समूह अब नई संपत्तियों के अधिग्रहण के बजाय नकदी बचाने और ऋणों की समय पूर्व अदायगी पर ध्यान दे रहा है। एक निवेश बैंकर ने कहा ‎कि इस साल की शुरुआत कर बैंकर अदाणी समूह के साथ बिक्री के लिए हर संपत्ति पेश करेंगे। लेकिन समूह अब संपत्तियों की अधिग्रहण के बजाय व्यापार का विस्तार करना चाहता है इसलिए उसने नए अधिग्रहण पर सुस्ती कायम कर दी है। इस साल जनवरी से समूह छत्तीसगढ़ की दबाव वाले कोयला संयंत्र एसकेएस पावर के अधिग्रहण की दौर से बाहर हो गया था। इसी साल फरवरी में, समूह ने 7,000 करोड़ के उद्यम मूल्यांकन पर डीबी पावर की थर्मल पावर एसेट्स हासिल करने की योजना को भी रद्द कर दिया। उसी महीने समूह ने पीटीसी इंडिया के साथ भी चल रही पेशकश से हाथ खींच लिए थे। इसके बाद, समूह ने फ्यूचर रिटेल के साथ भी कोई पेशकश नहीं की। समूह ने संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से फ्यूचर रिटले की संपत्ति खरीदने के लिए अपनी रुचि पत्र प्रस्तुत कर दिया था। बैंकरों का कहना है अधिग्रहण की दौर से अदाणी समूह के बाहर हो जाने से विदेशी निजी इक्विटी कंपनियों को अवसर मिलेगा, जो पहले से भी भारतीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खरीदने के इच्छुक हैं। अमेरिकी निजी इक्विटी की प्रमुख कंपनियां के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे भारतीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं जो बढ़िया रिटर्न देती हैं। आने वाले महीनों में समूह अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर बेचकर 29,000 करोड़ रुपए जुटाने पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि समूह अपने बकाये ऋण का समय पूर्व भुगतान कर सके और अपने कारोबार का विस्तार कर सके। सतीश मोरे/03जून ---