राष्ट्रीय
07-Jun-2023
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गाजियाबाद (ईएमएस)। गाजियाबाद के धर्मांतरण मामले में ऑनलाइन गेम और चैटिंग वाली दो एप्लिकेशन जांच के दायरे में हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने 6 जून को चिट्ठी इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सेक्रेटरी अखिलेश कुमार शर्मा को लिखी है। उन्होंने फोर्ट नाइट और डिस्कार्ड एप्लिकशन की जांच करके 10 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। प्रियंक कानूनगो ने में लिखा है, आयोग ने गाजियाबाद में ऑनलाइन धर्मांतरण का संज्ञान लिया है। पुलिस जांच में भी पता चला है कि नाबालिग लड़के पहले ऑनलाइन गेम खेलते थे। फिर उन्हें ब्रेनवॉश किया जाता था। ये घटना सूचना एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित नियमों-शर्तों के अनुपालन पर सवाल खड़ा करती है। मंत्रालय ने साल 2021 में किए गए संशोधनों में बच्चों की रक्षा के लिए रूपरेखा तैयार की है, लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसका सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने कहा है कि एंड्राइड, आईओएस इंटरफेस या अन्य किसी ब्राउजर पर इस तरह के ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म की उपलब्धता के बारे में जांच होना जरूरी है। इसलिए फोर्टनाइट और डिस्कार्ड एप्लिकेशन के खिलाफ 10 दिन में जांच करके रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए। दरअसल, 30 मई को गाजियाबाद स्थित राजनगर के रहने वाले एक व्यक्ति ने थाना कविनगर में धर्मांतरण मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस व्यक्ति का आरोप था कि उनका बेटा ऑनलाइन गेम से जुड़ा हुआ था। बाद में उसने धर्मांतरण कर लिया।