राज्य
08-Jun-2023
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-एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ जाहिर की नाराजगी कोरबा (ईएमएस) कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में एसईसीएल गेवरा ओपन कोल परियोजना की पर्यावरण जनसुनवाई 52.5 से 70 एमटीपीए विस्तार क्षेत्र 4184.486 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4781.798, के लिए 6,6,2022 को गेवरा फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित की गयी थी। जिस पर खदान से प्रभावित क्षेत्र के भू-विस्थापितों ने विरोध दर्ज कराते हुए प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सुबह 10:00 बजे से लेकर लगभग 5:00 तक जनसुनवाई का आयोजन एसईसीएल एवं पर्यावरण विभाग, राजस्व विभाग के द्वारा आयोजित थी। जिस पर ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। एसईसीएल गेवरा ओपन कोल परियोजना से क्षेत्र में रहने वाले आम नागरिकों को खदान से होने वाले समस्या और तकलीफ से अवगत कराते हुए कहा की पर्यावरण खदान के उड़ने वाली धूल डस्ट के कारण पूरी तरीके से क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है लोगों को विभिन्न प्रकार के बीमारियों से ग्रसित होना पड़ रहा है। जैसे दमा, खांसी, श्वास लेने में तकलीफ होना बीपी, शुगर, बाल झड़ना, आंख की रोशनी, कम होना गांव के आसपास में लगे हुए फलदार वृक्ष आम, अमरूद, सीताफल, नींबू, महुआ का पेड़, सराई, बीजा, परसा,नीम का पेड़ को काटा जा रहा है और इनके स्थान पर बेशर्म युक्त पेड़ जो ना फलता है न फूलता है। ऐसे वृक्ष को एसईसीएल प्रबंधन वन विकास निगम के माध्यम से लगवा रहा है। जिससे पर्यावरण में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है और एसईसीएल बड़ी-बड़ी बातें करता है कि हम कई करोड़ के वृक्ष लगाएं हैं सीएसआर फंड से करोड़ों रुपए के विकास कार्य किए गए हैं। जो प्रभावित क्षेत्र में देखने से नजर नहीं आता है। आगे कहा गया की एसईसीएल खदानों में रोज हेवी ब्लास्टिंग होने से आसपास के रहवासियों के मकान में दरार पड़ना, भूकंप की तरह रोज मकान हिलना एवं कुआं, तालाब बोर का पानी का जलस्तर तेजी से नीचे गिरना, तालाब, कुआं, बोर पानी के कमी से बंद पड़ गए हैं खदान से निकलने वाली जहरीला धुआ कोयला से उड़ने वाला डस्ट पूरे गांव के आसपास के क्षेत्र को अपने आगोश में ले लेता है जो पेड़-पौधे और घर के ऊपर कोयले की परत की धूल जमी हुई नजर आ जाएगी। इस परेशानी से वर्ष भर स्थानीय निवासियों को जूझना पड़ता है। खेतों में फसल सही ढंग से नहीं होती है क्षेत्र में यह समस्या विकराल होते हुए नजर आ रही है। क्षेत्र के भू-विस्थापित खदान को बंद करने की एक नई रणनीति बनाने में लगे हुए हैं इससे पहले भी कई बार खदानों को भू-विस्थापित बंद कर चुके हैं जिससे लाखों करोड़ों की क्षति एसएसीएल प्रबंधन को हो चुकी है। इस जनसुनवाई में राजस्व विभाग के अधिकारी अपर कलेक्टर, एसडीएम कटघोरा, एसडीएम पाली, पर्यावरण अधिकारी, एसईसीएल के अधिकारी, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी, सीआईएसएफ के अधिकारी, एसईसीएल के सुरक्षा विभाग के अधिकारी, उपस्थित रहे। एसईसीएल गेवरा परियोजना के प्रोजेक्ट ऑफिसर एस.पी. भाटी ने कहा की जो जनसुनवाई रखी गई थी उस जनसुनवाई में काफी लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया और सुझाव व्यक्त किये जिसको हम इंप्लीमेंट करने का प्रयास करेंगे। इस जनसुनवाई में किसी प्रकार का कोई वाद-विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। 52.5 से 70 एमटी पिए का भूमि विस्तार के लिए जन सुनवाई हुई और हम आने वाले दिनों में जितनी भी क्षेत्र में समस्या है उसका समाधान करने का प्रयास करेंगे। जनसुनवाई स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। जहां जनसुनवाई हो रही थी। उसे किले की तरह लोहे की जाली और बांस की बल्लियों से चारों तरफ घेरा गया था जिसके अंदर अधिकारी सुरक्षित बैठे थे। चप्पे-चप्पे में पुलिस नजर आ रही थी एडिशनल एसपी कोरबा, सीएसपी दर्री, टीआई दीपका, टीआई कुसमुंडा, टीआई करतला, टीआई चरख सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी किसी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो सके। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस के द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी।