राष्ट्रीय
09-Jun-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के बाद मृतकों के प‎रिजनों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती थी, ले‎किन सरकार के संचार सारथी पोर्टल की मदद से 185 पी‎‎डितों की पहचान हुई। अ‎धिकारी बताते हैं ‎कि ऐसे में पीड़ितों के परिजनों तक हादसे के बारे में सूचना पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। न कोई आधार कार्ड, न ही कोई दूसरा आईकार्ड। उनकी पहचान हो तो कैसे। इन सबके बीच भारत सरकार के एक पोर्टल ने बड़ा काम किया। वैसे तो ये पोर्टल खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने के लिए बना है लेकिन इसने कम से कम 185 पीड़ितों की पहचान में मदद की। घटना में जान गंवाने वाले 64 लोगों की पहचान भी इसी पोर्टल से हुई। लोगों के खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और उसे ब्लॉक करने के लिए बने संचार साथी पोर्टल ने राहत और बचाव के काम के वक्त रेलवे और अन्य सरकारी एजेंसियों की बहुत बड़ी मदद की। टेलिकॉम मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मी‎डिया को बताया कि पीड़ितों की पहचान करने और उनका मोबाइल नंबर जानने के लिए चेहरा पहचान करने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया। अधिकारी ने बताया, एक बार जब सिस्टम में मोबाइल नंबर फीड किया गया तो हमें उन यात्रियों के नाम, पता और दूसरे कॉन्टैक्ट नंबरों के बारे में जानकारी मिल गईं जिन्होंने हादसे में जान गंवाई थी और उनके परिजन इससे अनजान थे। अधिकारी ने बताया कि जिन 100 शवों की पहचान नहीं हो पाई थी उनमें से 64 की पहचान करने में पोर्टल ने मदद की। इस वजह से इनमें से 48 यात्रियों के परिजनों को जानकारी दी जा सकी। संचार साथी पोर्टल को रेलवे और टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने ही लॉन्च किया था। 2 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई थी। ये भारत में अबतक के सबसे भीषण हादसों में से एक थी जिसमें 288 लोगों की मौत हुई और 1175 लोग जख्मी हुए। महेश/ईएमएस 09 जून 2023