लेख
03-Dec-2023
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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम का जो रुझान सामने आया है, चह पूर्णत: चमत्कारिक है। इस तरीके के चुनाव परिणाम की किसी ने कल्पना नहीं की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ तेलंगाना और राजस्थान का चुनाव लड़ा गया था। हिंदी भाषी राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम बिल्कुल चमत्कारिक रहे। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नए प्रयोग किए थे। चुनाव मैदान में मंत्रियों और सांसदों को भी उतारा था। मोदी जी ने तीनों राज्यों में अपने ही चेहरे पर चुनाव लड़ा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का चेहरा सामने नहीं था। मोदी और कमल के नाम पर जनता से वोट मांगे गए थे। जनता ने मोदी और कमल को पूर्ण समर्थन देते हुए इन तीनों राज्यों में भाजपा को ऐतिहासिक चमत्कारिक विजय दिलाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को 90 में से 54, मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से 166 भाजपा को, राजस्थान की 199 सीटों में से 115 सीट बीजेपी को मिली है। जिससे तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाने जा रही है। वहीं तेलंगाना के भी चुनाव परिणाम बड़े आश्चर्यजनक रहे। यहां की 119 सीटों में से 63 सीट तेलंगाना के मतदाताओं ने कांग्रेस की झोली में डालकर स्पष्ट बहुमत दिया है, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी बीआरएस को मात्र 40 सीट मिली है। यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने भी अच्छी प्रगति करते हुए 9 सीटों पर विजय पाई है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रहीं थीं और यह कहा जा रहा था कि चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन सकती है, ऐसा कांग्रेस के नेताओं द्वारा कहा जा रहा था। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की सभाओं और रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही थी, जिसके कारण चुनाव काफी रोचक एवं संघर्षपूर्ण हो गए थे। चुनाव परिणाम से यह साबित हो गया है कि एक बार फिर मोदी लहर हिंदी भाषी राज्य मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चली है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना लागू की थी। मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम के रुझान में उसका भी बड़ा असर देखा गया है। मिजोरम की मतगणना 4 दिसंबर को होनी है। मिजोरम के भी चुनाव परिणाम सोमबार को सामने आ जाएंगे, लेकिन इतना तय है कि हिंदी भाषी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है। इन चुनाव परिणामों से क्षेत्रीय क्षत्रप जो भाजपा के केंद्रीय हाई कमान के लिए चुनौती बन रहे थे उनके लिए भी एक बहुत बड़ा सबक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वो चुनाव राजनीति के महापंडित हैं विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे चुनाव जीते जाते हैं यह उन्हें आता है। बहरहाल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद को ही स्थान मिलेगा। इन तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं किया था। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने के कारण कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसको लेकर जरूर कोतुहल बना हुआ है। पिछले 2 महीने से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर तरह-तरह की जो संभावनाएं जताई जा रहीं थीं, चुनाव परिणाम के रुझान आने के साथ ही सारी स्थिति स्पष्ट परिणाम के रूप में सामने आ गई है। सरकार बनाने के लिये अब विधायकों के दल-बदल की संभावनाओं पर भी पूर्ण विराम लग गया है। ईएमएस / 03 दिसम्बर 23