लेख
08-Dec-2023
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इन दिनों पूरे देश की तीखी नजर देश में आए दिन घटित होने वाली राजनीतिक घटनाओं पर है, आज-कल देश में जो भी राजनीतिक पैतरेबाजी चल रही है, उसे ‘‘मोदी मैजिक’’ नाम दिया गया, इस पूरी कवायद का एक ही लक्ष्य है और वह है आगामी लोकसभा चुनाव में ‘महाविजय’ हासिल करना, इस राजनीतिक कवायद की शुरूआत विधानसभाओं का चुनाव जीतने वाले एक दर्जन सांसदों के संसद की सदस्यता से इस्तीफों से हो गई है, अर्थात् अब ‘मोदी मैजिक’ के तहत देश की राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र दिल्ली नहीं बल्कि राज्यों की राजधानियां होगी, इसी कारण अब तीनों राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की राजधानियां राजनीतिज्ञों से गुलजार होने लगी है, मोदी जी का यह राजनीतिक कदम लोकसभा चुनावों में महाविजय की मंजिल का पहला कदम है और भाजपाशासित सभी राज्य इसके साथ ‘कदमताल’ करने को मजबूर है। देश की बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियों का देश की राजधानी त्यागकर राज्यों की राजधानियों में डेरा डालने का यह पहला अवसर है, अब चूंकि लोकसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है इसलिए इस योजना के हर पहलू का प्रयोग जल्दी-जल्दी होगा और इस पहल के प्रयोग के लिए पहली बार विधानसभा चुनावों वाले इन तीन राज्यों को चुना गया है। मोदी जी के इस नए राजनीतिक प्रयोग के पीछे मोदी जी की मंशा केवल अपनी केन्द्र सरकार को दीर्घजीवी बनाना नहीं है, बल्कि वे राज्यों पर अपने वर्चस्व को भी लम्बी उम्र देना चाहते है, जिससे कि कोई भी अन्य दल या उसका नेता भविष्य में उनके लिए चुनौती न बने, इसलिए वे केन्द्र के बजाए राज्यों में अपने कदम को मजबूती प्रदान करना चाहते है, वह भी नामी गिरामी नेताओं के माध्यम से। ....और यदि कोई राज्यस्तरीय नेता इस मामले में आनाकानी करें तो उसे तत्काल उचित सलाहपूर्ण चेतावनी देकर सही रास्ते पर भी लाने का काम किया जा रहा है, जिसका ताजा उदाहरण राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नैत्री वसुंधरा राजे की ताजी राजनीतिक पैतरेबाजी है, जिसका मोदी ने सार्थक जवाब देकर उन्हें सही रास्ते पर आकर खड़े होने को मजबूर किया। आज के ‘मोदी मैजिक’ व मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों में मोदी जी तथा उनके करिश्में को जीवित रखने में कांग्रेस की भी बड़ी भूमिका है, कांग्रेस अब ऐसे शून्यकाल में पहुंच गई है, जहां से उसे लौटना या लौटाकर लाना दुष्कर कार्य है, इसी स्थिति का फायदा ‘मोदी मैजिक’ उठा रहा है और बिना किसी प्रतिद्वदिता के वह आगे बढ़ रहा है, मोदी जी का सबसे अहम् प्रयास यही है कि अगले लोकसभा चुनावों के पहले स्वयं को मजबूत करके देश को यह दिखा दिया जाए कि अब उनके सामने उनका कोई प्रतिद्वन्दी नही रहा है तथा उनका कोई विकल्प देश में शेष नहीं बचा है, और यह ‘मोदी मैजिक’ का मुख्य उद्धेश्य भी है। वैसे भी भारत में राष्ट्रीय स्तर के दो ही राजनीतिक दल है, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस और ऐसे में यदि कांग्रेस गुमनामी के अंधेरे कूप में समा जाती है या उसे उस कूप में धक्का दे दिया जाता है तो फिर देश में मोदी जी व उनकी भाजपा के अलावा बचता ही कौन है, इसीलिए कांग्रेस की नैतृत्व हीनता का पूरा फायदा उठाकर मोदी जी अपनी राजनीतिक चाले चल रहे है। ....और देश में आज यह सब जो कुछ भी हो रहा है या किया जा रहा है यह और कुछ नहीं राजनीति में जीवित रखने या रहने की स्पर्द्धा मात्र है और इसमें कोई दो राय नही कि कांग्रेस इसमें ‘मोदी मैजिक’ के कारण काफी पिछड़ रही है, और यदि कांग्रेस को कोई ‘संजीवनी’ देने वाला नहीं मिल पाया तो मौजूदा शून्य नैतृत्व के चलते डेढ़ सौ साल पुरानी देश की सबसे बुजुर्ग राजनीतिक पार्टी की मौत हो जाएगी और फिर दूसरे दल मौत का शौक नहीं मनाएगें बल्कि तालियां बजाकर नाचेगें, यदि कांग्रेस समय पर अभी भी नहीं संभली तो फिर ताली बजाकर नाचने वाला परिदृष्य ज्यादा दूर नहीं है। ईएमएस / 08 दिसम्बर 23