लेख
28-Mar-2024
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------------------- तुम मिली हो अँधेरे में रोशनी की तरह आज प्रिये। तुम मिली हो गहन निशा में चाँदनी की तरह आज प्रिये।। आँखों में बस जाओ काजल की तरह प्रिये। समझ लो दिल मुसाफिर है प्रिये।। मेरे प्रियवर,मेरे साथी,चाहत है बस तेरी। तुझ तक सीमित मेरा जीवन,और भावना मेरी। तुम मिली हो समर्पित कामिनी की तरह आज प्रिये। तुम मिली हो अँधेरे में रोशनी की तरह आज प्रिये। आँखों में बस जाओ काजल की तरह प्रिये।। समझ लो दिल मुसाफिर है प्रिये।। गहन तिमिर में तू उजियारा,है वसंत की बेला। तू केवल लगती मलयानिल,दुनिया जगे झमेला। पास रहे तू हर पल मेरे,वरना दिल बेचारा हो। हर पल साथ तुम्हारा हो,तेरा मुझे सहारा हो। तुम मिली दिव्यतामयी दामिनी की तरह आज प्रिये। तुम मिली हो अँधेरे में रोशनी की तरह आज प्रिये। आँखों में बस जाओ काजल की तरह प्रिये।। समझ लो दिल मुसाफिर है प्रिये।। तू जीवन की धवल चाँदनी,सुखद एक अहसास है। सभी ओर तो रोदन दिखता,तू केवल विश्वास है।। सूरज-चाँद उगें जीवन में ,सब कुछ तुझ पर वारा हो।। तुम मिली सावन में सावनी की तरह आज प्रिये। तुम मिली हो अँधेरे में रोशनी की तरह आज प्रिये। आँखों में बस जाओ काजल की तरह प्रिये।। समझ लो दिल मुसाफिर है प्रिये।। ईएमएस / 28 मार्च 24