28-Mar-2024
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भारतीय कमल किशोर को बनाया आपदा जोखिम प्रतिनिधि जिनेवा,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक संकटों के समय दुनिया की मदद की है, उसकी इस दरियादिली का संयुक्त राष्ट्र भी कायल हो गया है। फिर चाहे बात कोरोना की वैक्सीन मुफ्त में देने की हो या फिर तुर्की में आए भूकंप और चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-हमास युद्ध पीड़ितों को मदद पहुंचाने की बात हो भारत ने हमेशा ही मानवीयता को सर्वोपरि रखा है। भारत आज से ही नहीं सालों से हमेशा से ही दुनिया में आई आपदों में दूसरे देशों की मदद करता रहा है। उसकी छवि दुनिया में मुश्किलों के सबसे बड़े मददगार के तौर पर उभरी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक संकटों के समय जिस तेजी के साथ दुनिया की मदद करने में हमेशा आगे रहने का साहस दिखाया है, उसकी इस दरियादिली का संयुक्त राष्ट्र भी कायल हो गया है। भारत ने हमेशा मानवीयता को सर्वोपरि रखा है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र का भी भरोसा भारत पर बढ़ा है। इन्ही सबको ध्यान में रखते हुए भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक उच्च अधिकारी को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है। महासचिव के प्रवक्ता ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि कमल किशोर को ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (यूएनडीआरआर) में महासचिव का सहायक और विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। एनडीएमए में किशोर जिस पद पर हैं वह भारत सरकार के सचिव स्तर का है। किशोर ने जी20 कार्य समूह का नेतृत्व किया भारत के जी20 का अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान किशोर ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जी20 कार्य समूह का नेतृत्व किया था। उन्होंने 2019 में जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन के विकास में भी योगदान दिया था। एनडीएमए में शामिल होने से पहले, किशोर ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए जिनेवा, दिल्ली और न्यूयॉर्क में 13 साल काम किया। किशोर ने ‘मास्टर ऑफ साइंस’ और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की से वास्तुकला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। सिराज/28मार्च24