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22-Apr-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। रक्षा मंत्री सिंह ने प्रतिकूल मौसम में दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार और जनरल ऑफिसर कमांडिंग 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी थे। क्षेत्र के हवाई सर्वेक्षण के बाद सिंह 15 हजार 100 फीट की ऊंचाई पर एक अग्रिम चौकी पर उतरे जहां उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में संचालन तैयारियों और मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कमांडरों के साथ संचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर चर्चा भी की। श्री सिंह ने सैनिकों को संबोधित कर कहा कि विषम परिस्थितियों में वीरता और दृढ़ संकल्प के साथ मातृभूमि की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सशस्त्र बलों का हमेशा ऋणी रहेगा क्योंकि उनके बलिदान के कारण हर नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। उन्होंने कहा, हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, क्योंकि आश्वस्त हैं कि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं पर दृढ़ता से खड़े हैं। आने वाले समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तब बर्फीले ठंडे ग्लेशियर में हमारे सैनिकों की बहादुरी और इच्छाशक्ति के कार्यों को गर्व के साथ याद किया जाएगा। यह हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। राष्ट्र ने हाल ही में ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की 40वीं वर्षगांठ मनाई है। रक्षा मंत्री ने 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन में भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए इस ऑपरेशन को देश के सैन्य इतिहास का सुनहरा अध्याय बताया। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन मेघदूत की सफलता हम सबके लिए गर्व की बात है।’ इस मौके पर रक्षा मंत्री ने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि श्री सिंह ने 24 मार्च 2024 को लेह का दौरा कर सैनिकों के साथ होली मनाई थी। उनका सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण इस स्थगित कर दिया गया था। आशीष दुबे / 22 अप्रैल 2024