राज्य
24-Apr-2024
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भोपाल/ मुंबई(ईएमएस)। दाऊदी बोहरा समुदाय ने सैयदना सैफुद्दीन की नियुक्ति को दी गई चुनौती के मामले में बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.एस. पटेल द्वारा दिए गए फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसे समूदाय के लिये एक ऐतिहासिक फैसला बताया है। अपने फैसले में कोर्ट ने दोनों पक्षों द्वारा पेश किये गये साक्ष्यों और तर्कों के आधार पर विचार के बाद यह माना है, कि 52वें अल-दाई अल-मुतलक, सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने अपने पुत्र, सैयदना मुफ़द्दल सैफुद्दीन को अपना उत्तराधिकारी और दाउदी बोहरा समाज के 53वें अल-दाई अल-मुतलक के रूप में नियुक्त किया था। सैयदना सैफुद्दीन की नियुक्ति को दी गई चुनौती और इसके आधार पर पेश किए गए तर्कों के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए मूल वादी खुजेमा कुतुबुद्दीन और वर्तमान वादी उनके पुत्र ताहिर कुतुबुद्दीन के दावों को खारिज कर दिया है।फैसले में कोर्ट द्वारा वादी द्वारा दाऊदी बोहरा धर्म के तथ्यों और धार्मिक सिद्धांतों की गलत व्याख्या और भ्रामक चित्रण को भी सिरे से खारिज कर दिया गया है। फैसले को लेकर बोहरा समाज के प्रवक्ता मुर्तझा सदरीवाला और भोपाल के स्थानीय मीडिया इंचार्ज इब्राहिम अली दाउदी ने कहा कि हम हमेशा से भारतीय न्यायपालिका में विश्वास करते रहे हैं, और हमें उस पर पूरा भरोसा हैं, जिसने बार-बार सैयदना और दाऊदी बोहरा समुदाय की सदियों पुरानी मान्यताओं, रीति-रिवाजों, प्रथाओं और सिद्धांतों के स्थान की पुष्टि की है। हम इस अवसर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम पटेल को पिछले 10 सालो से इस जटिल मामले की धैर्यपूर्वक सुनवाई करने और निर्णय देने में जितना समय लगा, उतना समय देने के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होनें आगे कहा कि हम स्वर्गीय इब्राहिम ए.के. फैजुल्लाभॉय के नेतृत्व में अपने सभी सॉलिसिटरों और अधिवक्ताओं के प्रति भी आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हैं, साथ ही आर्गस पार्टनर्स की टीम, जिसमें वरिष्ठ भागीदार अबीजार इब्राहिम फैजुल्लाभॉय, भागीदार मुर्तजा कचवाला, वरिष्ठ सहयोगी जैशा सबावाला के साथ आर्गस पार्टनर्स और अन्य जो कानूनी फर्मों के अन्य अधिवक्ता शामिल हैं, जिन्होंने समय-समय पर हमारी ओर से इस मामले में भाग लिया है। उनका ओर उन सभी गवाहों का जिन्होंने इस मामले में परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की ओर से साक्ष्य दिए, जिनकी गवाही अनुकूल निर्णय प्राप्त करने का आधार बनी को भी धन्यवाद देते है। जुनेद / 24 अप्रैल