मनोरंजन
27-Apr-2024
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-फिल्म बरसात में उनकी जोड़ी ने जिया बेकरार है का संगीत देकर लोगों को बेकरार दिया था मुंबई,(ईएमएस)। बॉलीवुड फिल्मों में सबसे कामयाब संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन ने अपने सुरों के जादू से देश ही नहीं विदेशी दशकों तक को आनंदित किया और उनकी जोड़ी एक मिसाल थी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया, जब दोनों के बीच अनबन हो गई थी। शंकर और जयकिशन ने एक-दूसरे से वादा किया था कि वे कभी किसी को नहीं बताएंगे कि धुन किसने बनाई है, लेकिन एक बार जयकिशन इस वादे को भूल गए और मशहूर सिने पत्रिका फिल्म फेयर के लेख में बता दिया कि फिल्म संगम के गीत ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर कि तुम नाराज न होना... की धुन उन्होंने बनाई है। इस बात से शंकर नाराज हो गए बाद में मशहूर गायक मोहम्मद रफी के प्रयास से शंकर और जयकिशन के बीच मतभेद कुछ हद तक कम हो गया था। वर्ष 1946 में अपने सपनों को नया रूप देने के लिए जयकिशन मुंबई आ गए और एक फैक्ट्री में टाइमकीपर की नौकरी करने लगे। इस बीच उनकी मुलाकात शंकर से हुई। शंकर उन दिनों पृथ्वी थिएटर में तबला बजाया करते थे और नाटकों में छोटे-मोटे रोल भी करते थे। शंकर की सिफारिश पर जयकिशन को पृथ्वी थिएटर में हारमोनियम बजाने के लिए काम पर रख लिया। इस बीच शंकर और जयकिशन ने संगीतकार हुस्नलाल-भगतराम की शागिर्दी में संगीत सीखना शुरू कर दिया। वर्ष 1948 में राज कपूर अपनी फिल्म बरसात के लिए संगीतकार की तलाश कर रहे थे। उन्होंने शंकर-जयकिशन को मिलने का न्योता भेजा। राज कपूर शंकर-जयकिशन के संगीत से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने शंकर-जयकिशन से अपनी फिल्म बरसात में संगीत देने की पेशकश की। फिल्म बरसात में उनकी जोड़ी ने जिया बेकरार है और बरसात में हमसे मिले तुम सजन जैसा सुपरहिट संगीत दिया। बरसात की कामयाबी के बाद शंकर-जयकिशन संगीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। शंकर-जयकिशन की जोड़ी गीतकार हसरत जयपुरी और शैलेन्द्र के साथ काफी पसंद की गई। शंकर-जयकिशन को सर्वाधिक नौ बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शंकर की जोड़ी जयकिशन के साथ वर्ष 1971 तक कायम रही। 12 सितंबर 1971 को जयकिशन इस दुनिया को अलविदा कह गए। उसके बाद संगीतकार शंकर भी 26 अप्रैल 1987 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। शंकर-जयकिशन की जोड़ी वाली सुपरहिट गीतों में-आवारा हूं, आवारा हूं या गर्दिश में आसमान का तारा हूं, ऐ मेरे दिल कहीं और चल, प्यार हुआ इकरार हुआ है, मेरा जूता है जापानी, जीना यहां मरना यहां, आजा सनम मधुर चांदनी में हम, तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को, बहारों फूल बरसाओ, पर्दे में रहने दो जैसे गीत और संगीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। सिराज/ईएमएस 27अप्रैल24