राज्य
04-May-2024
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इन्दौर (ईएमएस) जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट ने अप्राकृतिक यौन संबंध के एक प्रकरण मे पति द्वारा लगाई याचिका पर सभी पक्षों की सुनवाई के बाद निर्णय सुनाते कहा कि पति-पत्नी के मामलों में धारा 377 लागू नहीं होती। याचिकाकर्ता पति के वकील साजिदउल्ला के अनुसार पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। महिला ने अपने पति पर जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगा एफआईआर भी दर्ज कराई थी। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिए हैं कि पत्नी से अननैचुरल सेक्स रेप की श्रेणी में नहीं आता, पति-पत्नी के मामलों में धारा 377 लागू नहीं होती। प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि पति पत्नी के विवाद में भी रिश्तेदारों के समझौता प्रयास विफल होने के बाद पत्नी ने पति समेत सास-ससुर और ननद के खिलाफ दहेज मांगने और मारपीट की शिकायत करते कुटुम्ब न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी लगा दी। यह केस अभी विचाराधीन है। इसके बाद पत्नी ने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 377, 506 के तहत एक और शिकायत कर एफआईआर दर्ज करा दी पति ने इस एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर माननीय न्यायाधीश ने अपना निर्णय सुनाते उसे निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया। आनन्द पुरोहित/ 04 मई 2024