राज्य
17-May-2024
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यूपी के बलरामपुर में चुनावी सभा को संबांधित करते हुए बोले सीएम मोहन यादव भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में मतदान होने के बाद अब सीएम दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। शुक्रवार को सीएम ने उत्तरप्रदेश की श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के बलरामपुर में भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कुछ पार्टियों के अपने नाम में भी संशोधन करने की जरूरत है। आप बताओ, अंग्रेज चले गए जिन्होंने वर्षों तक इस देश के अंदर फूट डालो और राज करो, देश को जड़ों से काटने का प्रयास किया। लूटने-खसोटने का काम किया। 1857 की क्रांति के बाद उनको लगा कि हमको राज करने में जनता के बीच में से अपने कुछ लोग बिठाने पड़ें जो उनकी जय-जयकार करें। और उनकी जय-जयकार के पीछे वो विदेश की जय-जयकार करें। उनके लक्षण आज तक दिखाई दे रहे हैं। अंग्रेज चले गए कांग्रेस छोड़ गए, ये आज तक वही करते आ रहे जो अंग्रेजों के टाइम पर करते आए हैं। ना तब बदले थे ना आज बदले हैं। ये वो पूंछ है जो सीधी नहीं होती। कितनी भी भोखली में भर दो। जब भी करते हैं उल्टा ही काम करते हैं। बड़ी-बड़ी बात करते हैं मैं नहीं डरता। मैं ये कर दूंगा, अच्छी बात है भाईसाब कर देना। -मुस्लिम बंधु हमारे साथ दिखते हैं तो कांग्रेस सपा का पेट खराब होता है सीएम ने कहा- यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम बंधु बैठे हैं। हमारे साथ मुस्लिम बंधु साथ दिखाई देते हैं तो किसी का पेट खराब होता है तो वो कांग्रेस वाले हैं, समाजवादी वाले हैं। पता नहीं कौन-कौन हैं? पता नहीं उनके मन में क्यों ऐसा आता है। हम स्वर्गीय अटल जी को याद करें, वो दो बार बलरामपुर से लड़े थे। उन्होंने योग्यता के आधार पर अगर राष्ट्रपति भी बनाया तो हमारे मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को बनाया था। कांग्रेस वाले सपा वाले जितने भी लोग हैं ये कुछ लोगों को अपने वोट का गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। -गांधी परिवार की दिल्ली से चुनाव लडऩे की हिम्मत नहीं सीएम ने कहा- देश में आजादी के बाद से आपके परनाना तो सरकार चला रहे थे। उसके बाद उनकी बेटी, उसके बाद बेटा, बेटे के बाद बहू, सब सरकार तो आप ही चला रहे, लेकिन आपकी हिम्मत नहीं पड़ी कभी दिल्ली से चुनाव लड़ लें। आप भागकर यूपी की धरती पर आते हो। आप कितने बहादुर हो ये अपने आप दिखाई दे रहा है। जो कहते हैं हमने देश को बदला, देश में शासन किया। पहले तो उन लोगों को पसंद ही नहीं आया कि राम मंदिर बनना चाहिए था।