ज़रा हटके
06-May-2024
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-हर देश की है अलग-अलग रस्मे, भारत में भी कई अनोखी रस्मे नई दिल्ली (ईएमएस)। हम आपको शादी में होने वाली ऐसी रस्मों के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दूल्हे की बैंड बज जाती है। दरअसल, एक देश ऐसा भी है जहां शादी के दौरान दूल्हे को उलटा लटकाकर जमकर पिटाई की जाती है। सबसे पहले दूल्हे के दोस्त ही उसके पैरों में एक लकड़ी बांधकर उसे उलटा लटका देते हैं। इसके बाद उसकी डंडे से पिटाई की जाती है। कुछ लोग जूते-चप्पलों से भी दूल्हे की पीटते हैं। कुछ लोग दूल्हे को येलो कॉर्विना मछली से भी पीटते हैं। इस पिटाई में खास बात ये होती है कि डंडे, जूते, चप्पल या मछली से सिर्फ दूल्हे के तलवों को ही पीटा जाता है। इस दौरान दूल्हे के पैरों से जूते निकाल दिए जाते हैं। कुल मिलाकर शादी करने के बाद सबसे पहले दूल्हे की खूब पिटाई की जाती है।दक्षिण कोरिया की शादियों में निभाई जाने वाली इस रस्म के दौरान लड़की पक्ष का कोई सदस्य शामिल नहीं होता है। ये पिटाई सिर्फ दूल्हे के दोस्त और रिश्तेदार ही करते हैं। साउथ कोरिया में इस विचित्र परंपरा को बिना किसी झिझक या रोकटोक के आज भी निभाया जाता है। दक्षिण कोरियाई लोग शादी में इस रस्म को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। साउथ कोरिया के लोगों का मानना है कि अगर दूल्हा इस रस्म में पास हो जाता है तो उसके वैवाहिक जीवन में दिक्कतें बहुत कम आती हैं। इस दौरान उससे लगातार सवाल भी पूछे जाते हैं।शादी में इस रस्म को निभाने की बड़ी वजह बताई जाती है। दक्षिण कोरियाई लोगों का मानना है कि बिना उफ्फ किए मार खाकर दूल्हा दुल्हन के सामने अपनी मर्दानगी साबित कर देता है। वहीं, उनके आगे जीवन में परेशानियां नहीं आती हैं, क्योंकि दूल्हा पहले ही मार खाकर जिंदगी भर के लिए मजबूत हो जाता है। येलो कॉर्विना मछली से मार खाने के पीछे भी एक वजह है। लोगों का कहना है कि इस मछली से मार ज्यादा जोर से पड़ती है। इस मछली से मार खाने के बाद दूल्हा जिंदगी भर के लिए मजबूत हो जाता है। हालांकि, अब ये रस्म ताकत की आजमाइश से ज्यादा मनोरंजन के लिए निभाई जाती है।चीन में भी शादी के दौरान कुछ अजीबोगरीब रस्में निभाई जाती हैं। चीन में दुल्हन को शादी से एक महीना पहले रोजाना एक घंटे रोना पड़ता है। दरअसल, इसे लोग दुल्हन के वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा शकुन मानते हैं। चीन के एक इलाके में दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले मुर्गे की चीरफाड़ करके उसका लीवर निकालना पड़ता है। इसी रस्म को निभाने के बाद उनकी शादी की तारीख तय की जाती है। जर्मनी में दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए सभी मेहमान दुल्हन के घर पहुंचते हैं। फिर खाना खाने के बाद क्रॉकरी तोड़ देते हैं। इस रस्म को दूल्हा-दुल्हन के लिए अच्छी तकदीर लाने के लिए निभाया जाता है। जर्मनी में इस रस्म को पोल्टरबेंड भी कहा जाता है। इसके बाद दूल्हा-दुल्हन को साथ मिलकर टूटे हुए बर्तनों का ढेर साफ भी करना होता है। लोगों का मानना है कि इससे बुरी आत्माओं का साया नवविवाहित जोड़े से दूर रहता है। दरअसल, सभी मेहमान बुरी आत्माओं को भगाने के लिए ही जमीन पर क्रॉकरी फेंककर तोड़ते हैं। बता दें कि भारत में होने वाली शादियों में अलग-अलग कई रस्में निभाई जाती हैं। ऐसी ही शादी की एक रस्म ‘जूते चुराई’ भी होती है। इसमें दुल्हन की बहनें दूल्हे से शगुन लेने के बाद जूते लौटा देती हैं। देश में कुछ जगहों पर अग्नि के बजाय पानी के 7 फेरे लिए जाते हैं। कुछ जगह दूल्हे के बजाय उसकी बहन के दुल्हन के साथ 7 फेरे लेने की प्रथा है। कहीं, दूल्हा और दुल्हन को एक साल तक गुप्त जगह पर एकसाथ रहना होता है। इसके बाद बुजुर्ग शादी को वैध करार देते हैं। फिर शादी का जश्न मनाया जाता है। सुदामा/ईएमएस 06 मई 2024