नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और पिछले 16 माह से 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इस कारण होम, ऑटो सहित सभी तरह के खुदरा लोन अभी महंगे बने हुए हैं। लोन की ब्याज दरें तय करने में रेपो रेट का सबसे बड़ा योगदान होता है, क्योंकि इसी आधार पर सभी बैंक अपने कर्ज की ब्याज दर तय करते हैं। कोरोनाकाल खत्म होने के बाद आरबीआई ने लगातार 6 बार ब्याज दरें बढ़ाते हुए रेपो रेट 2.50 फीसदी महंगा कर दिया था। हालांकि, पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत देखकर यह रेपो रेट कुछ नहीं है। चीन के केंद्रीय बैंक ने भी अगस्त, 2023 के बाद से अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अगस्त में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने 0.10 फीसदी ब्याज घटाकर 3.45 फीसदी कर दिया था। इसके बाद से अभी तक यही ब्याज दर चल रही है। वहीं बांग्लादेश में केंद्रीय बैंक की बुनियादी ब्याज दर अभी 8.5 फीसदी है। बांग्लादेश बैंक ने पिछले महीने इसमें 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने भी 27 मई को हुई बैठक में रेपो रेट 9.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इसके अलावा नेपाल में भी केंद्रीय ब्याज दर 7 फीसदी है, जो 2024 की शुरुआत में 6.68 फीसदी थी। नेपाल में सबसे ज्यादा ब्याज दर जुलाई, 2022 में 8.5 फीसदी और सबसे कम मार्च, 2020 में 5 फीसदी थी। वहीं पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कई साल बाद अपने रेपो रेट में कटौती की है और महंगाई काबू में आने के बाद रेपो रेट 1.5 फीसदी घटा दिया है। बावजूद इसके पाकिस्तान का मौजूदा रेपो रेट 20.5 फीसदी है। अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्तान के बैंक होम और ऑटो लोन के लिए खुदरा ग्राहकों से कितना ब्याज वसूल रहे है। आशीष दुबे / 11 जून 2024