बीजिंग (ईएमएस)। चीन में एक चौंकाने वाले रिपोर्ट आई है। इससे चीन सरकार की टेंशन बढ़ गई है। यहां यदि ऐसा ही बना रहा तो आने वाले समय में बच्चों से ज्यादा संख्या कुत्तों की हो जाएगी। वजह ये है कि तमाम लोग अब बच्चे पैदा करने और उनके पालन पोषण की जिम्मेदारी से बच रहे हैं। खुद का समय पास करने और लाड़ प्यार के लिए कुत्ते पाल रहे हैं। उन्ही के साथ खेलते हैं और उन्ही के साथ समय बिताते हैं। रिपोर्ट में एक कहानी सात साल से शादीशुदा हैनसेन और उनकी पत्नी मोमो की है। वे बीजिंग के डाउनटाउन में अपने अपार्टमेंट में छह छोटे बच्चों की देखभाल करते हैं। लेकिन वे आम मां-बाप से थोड़ा अलग तरह की पेरेंटिंग रूटीन अपनाते हैं, वे उनके साथ खेलते हैं और उन्हें रोज़ाना टहलने के लिए बाहर ले जाते हैं। 36 वर्षीय हैनसेन और 35 वर्षीय मोमो जैसे कई चीनी कपल बच्चों के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बजाय, वे पालतू माता-पिता बन गए हैं। ये छोटे बच्चे उनके बच्चे नहीं हैं, बल्कि चीनी में फर बेबीज़ या माओ है ज़ी हैं, और कपल उन्हें इतना प्यार करते हैं कि वे उन्हें हमारी बेटियां, हमारे बेटे कहकर पुकारते हैं। दशकों से वन चाइल्ड पॉलिसी लागू करने के बाद चीन तेजी से बूढ़ी होती आबादी और सिकुड़ती श्रम शक्ति से जूझ रहा है। बीजिंग स्थित युवा जनसंख्या अनुसंधान संस्थान द्वारा इस साल की शुरुआत में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह देश सापेक्ष रूप से बच्चे को पालने के लिए दुनिया के सबसे महंगे स्थानों में से एक है, जो आसानी से ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस को पीछे छोड़ रहा है। कुत्तों और बिल्लियों के भोजन की बिक्री में उछाल की भविष्यवाणी करते हुए, गोल्डमैन सैक्स ने एक ऐसे रुझान का खुलासा किया है जो चीनी अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। देश की आबादी में 2022 में दशकों में पहली बार गिरावट आई है, जिसके बारे में विश्लेषकों का कहना है कि यह 1961 के अकाल के बाद पहली गिरावट है, जो पूर्व नेता माओत्से तुंग की विनाशकारी योजना, ग्रेट लीप फॉरवर्ड के कारण हुई थी। एक साल बाद, भारत ने दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ दिया। साल 2016 में वन चाइल्ड पॉलिसी को समाप्त करने और 2021 में जन्म नीति में एक और बड़ा बदलाव करने के बाद, सरकार अब चाहती है कि कपल तीन बच्चे पैदा करें। लेकिन बीजिंग जन्म दर को बढ़ाने में उतना सफल नहीं रहा जितना कि उन्हें रोकने में। निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स की जुलाई में जारी शोध रिपोर्ट के अनुसार, साल के अंत तक चीन के शहरों में पालतू जानवरों की संख्या चार वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों की संख्या से अधिक हो जाने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में पालतू जानवरों के भोजन की बढ़ती मांग की जांच की गई है। रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, 2030 तक अकेले शहरी चीन में पालतू जानवरों की संख्या देश भर में छोटे बच्चों की संख्या से लगभग दोगुनी हो जाएगी। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों और बिल्लियों की संख्या को शामिल किया जाए तो देश में पालतू जानवरों के स्वामित्व की दर और भी अधिक होगी। गोल्डमैन सैक्स के अनुमान उस पीढ़ी के बदलते मूल्यों को दर्शाते हैं जो अब इस पारंपरिक सोच को नहीं मानती कि विवाह का मतलब जन्म देना और वंश को आगे बढ़ाना है। वीरेन्द्र/ईएमएस 14 सितंबर 2024