ज़रा हटके
03-Feb-2025
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लंदन (ईएमएस)। प्रशांत महासागर में स्विट्ज़रलैंड के वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यमयी धब्बों की पहचान की है, जिन्हें उन्होंने डूबी हुई दुनिया का नाम दिया है। उनका मानना है कि ये धब्बे धरती के मेंटल के निर्माण के समय बने थे, जो लगभग 4 बिलियन साल पहले हुआ होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब धरती का पहले मेंटल का निर्माण हो रहा था, तब इसके क्रस्ट का भी निर्माण हुआ होगा। हालांकि, वे इसके बारे में कुछ निश्चित रूप से नहीं कह सकते हैं और मानते हैं कि यह पिछले कुछ सौ मिलियन वर्षों में धरती के आंतरिक भाग में घने पदार्थ के निर्माण का परिणाम हो सकता है। यह खोज खासतौर पर भूकंपीय तरंगों का उपयोग करके की गई थी, जिससे वैज्ञानिकों को धरती के अंदर के हिस्से की उच्च-रिज़ॉल्यूशन मैपिंग बनाने में मदद मिली। स्विट्ज़रलैंड के लूगानो में स्थित स्विस नेशनल सुपरकंप्यूटिंग सेंटर के पिज़ डेंट सुपरकंप्यूटर द्वारा इस काम को किया गया था, जिसने भूकंपीय डेटा को जोड़कर धरती के आंतरिक भाग की हाई-क्वालिटी इमेज तैयार की। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज उनके लिए हौसला बढ़ाने वाली है, हालांकि अभी तक इस डूबी हुई दुनिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के पीएचडी छात्र थॉमस ने कहा कि वे इसके बारे में और गहन अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि ये धब्बे वास्तव में क्या हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज भूवैज्ञानिक सिद्धांतों पर सवाल खड़े कर सकती है और पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में नई दिशा में शोध के अवसर खोल सकती है। कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि यह संरचना धरती के निर्माण के समय ही बनी होगी, और इसके अध्ययन से प्लेट टेक्टोनिक गतिविधि, भू-आकृतियों और अरबों साल पुराने इतिहास के बारे में भी जानकारी मिल सकती है। इस खोज से धरती के आंतरिक संरचना और इतिहास के बारे में नई समझ विकसित करने का मौका मिलेगा। सुदामा/ईएमएस 03 फरवरी 2025