ज़रा हटके
09-Jun-2025
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न्यूयार्क (ईएमएस)। डयूटी की थकान, बेचैनी और अवसाद से बाहर निकलकर लॉस एंजेलिस की एक नर्स जेनिफर कार्लसन ने नई जीवनशैली अपनाई है। इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम और शाम्भवी महामुद्रा क्रिया से उन्होंने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया। रात की 12-12 घंटे की ड्यूटी करने वाली जेनिफर की जिंदगी पहले कॉफी, सोड़ा और थकावट के चक्र में उलझी थी। जेनिफर बताती हैं कि कैसे वह पहले पूरी रात कॉफी और मीठे पेय पीती रहती थीं ताकि जागी रह सकें, लेकिन इसके दुष्प्रभाव उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से तोड़ रहे थे। हर ड्यूटी के बाद वह थकी हुई, घबराई हुई और असंतुलित महसूस करती थीं। पर फिर उन्हें सदगुरु द्वारा बताए गए ऐश गॉर्ड यानी सफेद पेठे के बारे में याद आया, जिसे पारंपरिक रूप से शरीर को ठंडा करने और ऊर्जा बढ़ाने वाला माना जाता है। कैफीन की जगह कुछ बेहतर की तलाश में उन्होंने ऐश गॉर्ड को अपने आहार में शामिल किया। वह बताती हैं कि इसके रस से उन्हें स्थायी ऊर्जा मिलती है, घबराहट या बेचैनी नहीं होती और यह पूरी तरह स्वास्थ्यवर्धक है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान वह ऐश गॉर्ड का रस 2-3 गिलास पीती हैं, जिससे उनकी रात की शिफ्ट अब थकाने वाली नहीं लगती। इसके साथ ही, शाम्भवी क्रिया से उन्हें मानसिक विश्रांति और ऊर्जा का संतुलन मिलता है। अब ड्यूटी के बाद वह केवल 5-6 घंटे की नींद लेकर तरोताजा महसूस करती हैं और अपने बच्चों के साथ समय बिता पाती हैं। यह बदलाव सिर्फ ऊर्जा का नहीं बल्कि जीवन की गुणवत्ता का है। अब न सिर्फ वह अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि परिवार के साथ भी खुशहाल जीवन जी रही हैं। सुदामा/ईएमएस 09 जून 2025