पाण्डुलिपियों के संरक्षण और अध्ययन पर मिली महत्वपूर्ण जानकारी नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के माता सुंदरी महाविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा छात्रों के लिए राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन का एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को प्राचीन पाण्डुलिपियों के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को समझाना था। साथ ही, इस क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य रहा। राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन के निर्देशक डाॅ. अनिर्वाण दास ने छात्रों को ब्राह्मी लिपि का ज्ञान सरल और रोचक तरीके से प्रदान किया। उन्होंने पाण्डुलिपियों को पढ़ने और उनके संरक्षण के महत्व को समझाते हुए कहा कि “किसी नवीन पाण्डुलिपि को पढ़ना, प्राचीन ज्ञान परम्परा के एक नए अध्याय से परिचित होने के समान है। इसका संरक्षण हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने का माध्यम है।” छात्रों ने इस भ्रमण के दौरान पाण्डुलिपियों के अध्ययन से जुड़ी गहरी जानकारी प्राप्त की और इसमें करियर की संभावनाओं को लेकर रुचि भी दिखाई। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन द्वारा नि:शुल्क इंटर्नशिप कराई जाती है, जिसकी जानकारी मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जिससे उन्हें प्राचीन भारतीय ग्रंथों के संरक्षण और अध्ययन की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिला।