-चुनाव आयोग मिथ्या आरोप से नहीं डरता, मतदाताओं के साथ खड़ा है खड़ा रहेगा नई दिल्ली,(ईएमएस)। बिहार एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर सड़क से संसद तक घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर सियासी बम फोड़ा है। अब इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग सामने आ गया है। राहुल गांधी की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि वोट चोरी का आरोप झूठा है। चुनाव आयोग पर कंलक लगाया जा रहा है। आयुक्त ने कहा कि डबल वोटिंग के आरोप लगाए गए, ऐसे मिथ्या आरोप से चुनाव आयोग नहीं डरता है। चुनाव आयोग निडरता के साथ सभी गरीब अमीर बुजुर्ग महिला और सभी वर्ग के मतदाताओं के साथ चट्टान के साथ खड़ा है और खड़ा रहेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोट चोरी जैसे गलत शब्द का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने की असफल कोशिश की जाए तो ये भारत के संविधान का अपमान है। मशीन रिडेबल मतदाता सूची न साझा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ये मतदाता के निजता का उल्लंघन है, लेकिन फिर भी कुछ दलों की ओर से ये किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी मतदाता और राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची से त्रुटियों को हटाने में योगदान दे रहे हैं। मतदाताओं ने 28 हजार दावे और आपत्तियां की हैं। एक अगस्त से एक सितंबर का समय ड्राफ्ट सूची में दावे और आपत्ति के लिए समय है। अभी भी पंद्रह दिन बाकी है, सभी राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची की त्रुटि को फॉर्म के तहत जमा करें। राजनीतक दल और बीएलओ मिलकर जमीन पर कम कर रहे हैं। चिंता का विषय है कि राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष और बीएलए के सत्यापन या तो राष्ट्रीय दल तक पहुंच नहीं पा रहा है या भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। बिहार के सात करोड़ से ज्यादा मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं तो चुनाव आयोग की साख पर सवाल नहीं उठ सकता। भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले दो दशक से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग करते रहे हैं। इसी मांग को पूरा करने के लिए बिहार से एसआईआर की शुरुआत की गई है। एसआईआर की प्रक्रिया में सभी मतदाता, बीएलओ और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित बीएलए ने एक प्रारूप सूची तैयार की है। ड्राफ्ट सूची को सभी राजनीतिक दलों के बीएलए ने सत्यापित किया है। वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा कि हमारे लिए न तो कोई पक्ष है, न तो कोई विपक्ष है, सब समकक्ष हैं। हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग से हुआ है, तो हम उनसे भेदभाव कैसे कर सकते हैं। वोट चोरी का आरोप संविधान का अपमान है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाताओं के नाम संदेश देना चाहता है कि भारत के संविधान के मुताबिक भारत का कोई भी नागरिक जो 18 साल पूरा कर चुका है उसे मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना चाहिए। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बार-बार निर्वाचन आयोग पर मतदाता से जुड़े डेटा में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ हुई है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता से उन लोगों के नाम प्रस्तुत करने को कहा है, जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा गया या हटाया गया है। साथ ही एक हस्ताक्षरित घोषणा-पत्र भी प्रस्तुत करने को कहा है। निर्वाचन आयोग ने तो यहां तक कहा है कि अगर राहुल गांधी अपने आरोपों के समर्थन में कोई हलफनामा देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें माफी मांगनी होगी। बिहार में एसआईआर कराने के निर्वाचन आयोग के कदम को लेकर भी विपक्षी दल सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों का दावा है कि इस कदम से करोड़ों पात्र नागरिक कागजों के अभाव में मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्वाचन आयोग से बिहार में मतदाता सूची में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों का विवरण, उन्हें शामिल न करने के कारणों समेत, प्रकाशित करने को कहा है। एक ओर जहां राहुल गांधी की रविवार को बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे हैं तो उसी वक्त चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। अब देखने वाली बात है कि क्या-क्या चीजें सामने आती हैं। सिराज/ईएमएस 17अगस्त25