09-Apr-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली के कानून मंत्री और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान किए गए भड़काऊ ट्वीट्स एक बार फिर सियासी गलियारों में सुर्खियों में है। राउज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार (8 अप्रैल) को सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा के वकील ने दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने बयानों में किसी धर्म या समुदाय को नहीं बल्कि विपक्षी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया था। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरेसिया की अदालत में हुई सुनवाई में कपिल मिश्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए। दिल्ली पुलिस ने इस मसले पर अदालत को बताया कि सोशल मीडिया मंच एक्स से रिपोर्ट मंगाने के प्रयास जारी हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में कुछ कानूनी बिंदुओं पर सफाई मांगी है, जिस पर कपिल मिश्रा के वकील ने अगली तारीख पर जवाब देने का समय मांगा। अदालत ने कानून मंत्री के वकील के इस आग्रह स्वीकार कर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की है। दरअसल, 23 जनवरी 2020 को विधानसभा चुनाव के दौरान कपिल मिश्रा ने एक्स पर कुछ बयान पोस्ट किए थे, जिन्हें लेकर आरोप है कि वे समाज में विभाजन पैदा करने वाले और चुनावी माहौल को बिगाड़ने वाले थे। रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत ने इस पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत संज्ञान लिया है, जो चुनाव के दौरान वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है। इससे पहले 7 मार्च को स्पेशल कोर्ट ने कपिल मिश्रा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह उम्मीदवारों के आपत्तिजनक भाषणों पर सख्ती से लगाम लगाए, जिससे चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे। अदालत ने कहा कि कपिल मिश्रा के बयान धर्म के आधार पर परोक्ष रूप से नफरत फैलाने की कोशिश के तहत आते हैं। इस मामले ने एक बार फिर दिल्ली की राजनीति को गर्मा दिया है। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर चुनाव में सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाया है। इसके उलट कपिल मिश्रा विरोधियों के हमले को खुद के खिलाफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हैं। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/09/अप्रैल/2025