मुंबई,(ईएमएस)। मुंबई के विलेपार्ले में स्थित पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा बुधवार को तोड़ दिया गया। इस घटना के विरोध में देशभर में जैन समुदाय ने गुस्सा जाहिर किया और जगह-जगह प्रदर्शन किया है। मंदिर तोड़ने के विरोध में शनिवार सुबह विले पार्ले में एक सर्वदलीय अहिंसक रैली निकाली गई। इसमें कांग्रेस नेता भी शामिल हुए। जानकारी अनुसार मुंबई के विले पार्ले क्षेत्र में स्थित करीब 90 साल पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बीएमसी द्वारा तोड़े जाने पर देशभर में नाराजगी देखने को मिली है। शनिवार सुबह मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई के खिलाफ जैन समुदाय के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने मिलकर एक अहिंसक रैली निकाली। इस रैली में शामिल हुए लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर स्पष्ट लिखा था, ‘मंदिर तोड़ा है, हौसला नहीं।’ कांग्रेसी रैली में हुए शामिल यहां विरोध प्रदर्शन पर निकले जैन समाज के लोगों ने मंदिर के पुननिर्माण की मांग की है। स्थानीय कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ जो कि रैली में भाग लेने पहुंचीं थीं ने कहा कि पूजा स्थलों की रक्षा और देखभाल करना सरकार का काम है, लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पहले से योजनाबद्ध थी और यह एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आगे कहा कि इस साजिश के खिलाफ शांतिप्रिय जैन समुदाय के लोगों को आज सड़कों पर उतरना पड़ा है। इस प्रकार कांग्रेस ने मंदिर तोड़े जाने की इस कार्रवाई को लेकर सरकार की आलोचना की है। तोड़े गए मंदिर के ट्रस्टी का कहना है कि मंदिर 16 अप्रैल को ढहाया गया जबकि उसके अगले ही दिन गुरुवार को बॉम्बे होईकोर्ट में मंदिर को लेकर सुनवाई होनी थी। यहां बताते चलें कि कांबलीवाड़ी में नेमिनाथ सहकारी आवास सोसाइटी के अंदर यह मंदिर (चैतलया) स्थापित था। इसके ट्रस्टी अनिल शाह हैं, जिन्होंने बताया कि मंदिर की संरचना 1960 के दशक की थी और बीएमसी की अनुमति से ही इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। अब जबकि मंदिर ढहा दिया गया है तो पूरे देश में जैन समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं। हिदायत/ईएमएस 19अप्रैल25