नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेदिक तरीके से चावल पकाने पर यह पोषक तत्वों से भरपूर और हेल्दी बनता है। हम चावल को सही तरीके से पकाकर इसके फायदे उठा सकते हैं। चावल पकाने के लिए सबसे पहले सही चावल का चयन करना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, लगभग एक साल पुराने चावल सबसे अच्छे होते हैं, क्योंकि इनमें अधिक पोषक तत्व होते हैं। आप ब्राउन, रेड या बासमती चावल में से कोई भी चावल चुन सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त हो। इसके बाद, चावल को कम से कम आधे घंटे और अधिकतम एक घंटे तक भिगोना चाहिए। भिगोने से चावल के एंजाइम्स और न्यूट्रिएंट्स सक्रिय हो जाते हैं, जिससे पकाने में आसानी होती है और यह डाइजेस्ट भी जल्दी हो जाता है। चावल को ज्यादा पानी में पकाना भी एक महत्वपूर्ण तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार, चावल को ज्यादा पानी में पकाने से उसके स्टार्च और हैवीनेस बाहर निकल जाते हैं, जिससे यह पचने में आसान हो जाता है। पकने के बाद एक्स्ट्रा पानी को निकाल देने से चावल हल्का और पोषक तत्वों से भरपूर रहता है। यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें कफ और टॉक्सिसिटी की समस्या होती है। आयुर्वेद में प्रेशर कुकर का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि प्रेशर कुकिंग से भोजन की ऊर्जा और प्राण खत्म हो जाते हैं। चावल को हल्का उबालने से उसकी पोषक तत्वों की अच्छाई बनी रहती है। इसके अलावा, चावल में मसाले मिलाने से इसके गुण और बढ़ जाते हैं। जैसे वात दोष के लिए जीरा, हींग और घी के साथ अदरक, पित्त दोष के लिए सौंफ, धनिया और इलायची, और कफ दोष के लिए काली मिर्च, सरसों और हल्दी मिलाकर पकाना चाहिए। आखिरकार, चावल को हमेशा ताजा और गर्म खाना चाहिए। बासी या फ्रिज में रखा चावल डाइजेशन में कठिनाई पैदा कर सकता है, इसलिए इसे अवॉएड करना चाहिए। इस आयुर्वेदिक तरीके से चावल को पकाकर खाएं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं। मालूम हो कि चावल को कई लोग अनहेल्दी मानते हैं और वजन कम करने के दौरान इसे अपनी डाइट से हटा देते हैं। हालांकि, चावल को सही तरीके से पकाकर खाने पर यह ना केवल पाचन के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि मोटापे और डायबिटीज जैसी समस्याओं के लिए भी उपयुक्त होता है। सुदामा/ईएमएस 22 अप्रैल 2025