रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आबकारी विभाग ने अवैध शराब बिक्री के एक बड़े और संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। टाटीबंध इलाके में एक मामूली ढाबे से शुरू हुआ शक, बीरगांव की एक प्रिंटिंग प्रेस तक जा पहुँचा, जहाँ से हजारों की संख्या में नकली होलोग्राम बरामद किए गए। इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व टाटीबंध वृत्त की सहायक जिला आबकारी अधिकारी जेबा खान ने किया। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने टाटीबंध बायपास रोड स्थित बी.एच. ढाबा, ग्राम तेंदुआ, और बीरगांव के लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स में छापेमारी की। ढाबा संचालक सकंटमोचन सिंह उर्फ शंकर सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही जांच ने नया मोड़ लिया। ढाबे से जब्त हुए सामान में शामिल थे –105 नकली ढक्कन (बिलासपुर की वेलकम डिस्टलरीज अंकित),3 ढक्कन (कुम्हारी की डिस्टलरीज अंकित),165 स्पंज वाइजर,1150 ‘शोले मसाला’ देसी मदिरा स्टीकर, और सबसे चौंकाने वाला – 1460 नकली होलोग्राम, जो 35 शीट्स में पैक थे। सकंटमोचन सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये नकली होलोग्राम बीरगांव के श्री गणेश प्रिंटर्स से बनवाए गए थे। तुरंत कार्रवाई करते हुए आबकारी टीम ने प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा। वहाँ से 371 शीट्स में कुल 40,068 नकली होलोग्राम, होलोग्राम डिज़ाइन करने वाली पेन ड्राइव, और लेन-देन से जुड़ा मोबाइल फोन जब्त किया गया। प्रेस के मालिक गणेश चौरसिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आबकारी विभाग ने बताया कि ये नकली होलोग्राम शासकीय मुद्रणालय के असली सुरक्षा होलोग्राम की हूबहू कॉपी थे, जिनका इस्तेमाल देशी शराब की बोतलों पर किया जाता है। ये जालसाज़ न केवल अवैध शराब की बिक्री में लिप्त थे, बल्कि सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुँचा रहे थे। दोनों आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 318 और 336(3) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)22 अप्रैल 2025