- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वाणिज्य कर विभाग की प्रेस वार्ता में साझा की उपलब्धियां रांची (ईएमएस)। झारखंड सरकार के वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य के राजस्व संग्रहण को लेकर किए जा रहे प्रयासों और उपलब्धियों को लेकर बुधवार को सूचना भवन सभागार में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता की शुरुआत में पहलगाम की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा गया। वाणिज्य कर मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में वाणिज्य कर विभाग द्वारा 26 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 22,292.25 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया है, जो कि कुल लक्ष्य का 85.74 प्रतिशत है। राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत आंकड़े और कार्ययोजना यह दर्शाते हैं कि झारखंड राजस्व संग्रहण के क्षेत्र में दृढ़ता और पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है। वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में राजस्व के सभी स्रोतों को सुदृढ़ और संगठित कर झारखंड को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। - राजस्व में पांच वर्षों में 56% की वृद्धि मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 2019-20 में वाणिज्य कर विभाग ने 14,286.27 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया था, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष में बढ़कर 22,292.25 करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार पिछले पांच वर्षों में 56.04% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। एसजीएसटी में 92.42% लक्ष्य प्राप्त राज्य सरकार ने एसजीएसटी के तहत 15,375 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 14,210.10 करोड़ रुपये का संग्रहण किया है, जो कि 92.42 प्रतिशत है। वहीं, 2019-20 में एसजीएसटी से 9949.51 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ था, जिससे 42.82% की वृद्धि दर्ज की गई। - पेशा कर, वैट और अन्य मद संग्रहण लक्ष्य से आगे पेशा कर के तहत निर्धारित 88 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 102.4 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ, जो कि 116.36 प्रतिशत है। इससे स्पष्ट है कि विभाग की टैक्स संग्रहण रणनीति सफल रही है। वैट के अंतर्गत 9124 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 6618.51 करोड़ रुपये का संग्रहण (72.54%), जेईडी के अंतर्गत 1413 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 1361.24 करोड़ का संग्रहण (96.34%) और आगामी वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व संग्रहण का लक्ष्य 26,500 करोड़ रुपये रखा गया है। राजस्व समीक्षा की नई व्यवस्था मंत्री श्री किशोर ने घोषणा की कि एफआरबीएम अधिनियम के तहत सभी विभागों को हर 3 महीने में राजस्व समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। वे स्वयं हर 6 महीने में इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पीएल अकाउंट में लंबे समय से पड़ी राशि की समीक्षा की जाएगी और जरूरी सुधार किए जाएंगे। मंत्री श्री किशोर ने बताया कि सरकार द्वारा 1,31,234.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिनमें से 1,18,279.69 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि अप्रैल के अंत या 7 मई तक योजनागत राशि का वितरण जिला स्तर पर सुनिश्चित किया जाए ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न हो। भविष्य की कार्य योजना के अनुसार वर्ष 2025-26 में डीजल (बड़ी तादाद में खरीदी) पर टैक्स रेट में बदलाव से वृद्धि की संभावना जताई है। साथ ही एटीएफ पर टैक्स दर बढ़ाने की योजना है। नए सिस्टम इंटीग्रेटर के माध्यम से जीएसटीएन और अन्य पोर्टल्स के बीच डेटा समन्वय कर राजस्व अपवंचन पर निगरानी की जाएगी। आईआरएयू और एसटीयू यूनिट्स को और प्रभावशाली बनाया जाएगा।