लेख
29-Apr-2025
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कश्मीरी परिवारों ने पर्यटकों के लिए न सिर्फ अपने घरों के दरवाजे खोल दिए बल्कि अपने दिलों को भी खोल दिया। पहलगाम में घटी घटना के बाद भारी संख्या में कश्मीर में आए हुए पर्यटक डर गए थे। कुछ मामलों में वहां के होटल वाले पर्यटकों को होटल छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे। ऐसे डरे हुए पर्यटकों को कश्मीर के अनेक परिवारों ने अपने घरों में शरण दी और उनका पूरा ख्याल रखा। ना सिर्फ उन्हें ठहराया बल्कि उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की। यह पूरा आतिथ्य उन्होंने निशुल्क किया। पूणे की रहने वाली रूपाली पाटिल ने बताया कि वे इतनी डरी हुई थीं कि होटल के बाहर जाने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी। ऐसे में उन्हें एक कश्मीरी परिवार ने शरण दी। ना सिर्फ उन्हें और उनके जैसे अनेक पर्यटकों को कश्मीरियों ने अपने घरों में ठहराया। इस तरह के अनेक किस्से सुनने को मिले। अनेक पत्रकार खासकर चैनल्स को चलाने वाले घटना के बाद कश्मीर पहुंच गए। उनमें से अनेकों ने जो पर्यटक कश्मीर में थे उनसे बात की। एक चैनल्स के प्रतिनिधि ने तो ऐसे लोगों से बात की जो पहलगाम में हुई घटना से बिल्कुल डरे हुए नहीं थे। इस तरह के लोगों में पुणे का ही एक डाक्टरों का समूह शामिल था। उन्होंने बताया कि वे इस बात को पूरी तरह जानते थे कि इस जघन्य घटना के पीछे कश्मीरियों का हाथ नहीं है। इसलिए इस घटना के बावजूद वे कश्मीर में रूके रहे और जितने दिन उन्होंने कश्मीर में रहने के तय किए थे वह पूरे होने पर ही वे कश्मीर से गए। एक पर्यटक रामदास खोपडे ने बताया कि वे सुरक्षित स्थान खोज रहे थे, इसी दरम्यान एक कश्मीरी परिवार ने हमें पूरा आतिथ्य दिया और एक पैसा भी नहीं लिया। हम पूरी दुनिया को बताना चाहते हैं कि आम कश्मीरी बहुत अच्छे इंसान हैं और उन्होंने इस मुसीबत के दौरान दिल खोलकर लोगों की मदद की है। कश्मीरियों को इस घटना के कारण भारी नुकसान हुआ है। इस बार भारी संख्या में कश्मीर में पर्यटक आ रहे थे। जो कश्मीरी, पर्यटन के धंधे में लगे हुए हैं उन्होंने पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तैयारी करके रखी थी। होटल वालों ने अतिरिक्त कमरे बनाकर पर्यटकों को ठहराने की व्यवस्था की थी। कश्मीर की एक बहुत बड़ी आबादी के लिए पर्यटन उनका मुख्य धंधा है। परंतु इस घटना के कारण बहुत सारे कश्मीरियों का भारी नुकसान हुआ है। उसके बावजूद वे इसकी परवाह किए बगैर दिल खोलकर पर्यटकों को सुरक्षा दे रहे हैं। पर्यटन के व्यवसाय से जुड़े एक कश्मीरी ने बताया कि एक तरफ जहां पहलगाम जैसी घटना पहले कभी कश्मीर में नहीं हुई परंतु जिस बड़े पैमाने पर कश्मीर के निवासियों ने इस घटना की भर्त्सना की है और उसके विरूद्ध अपना गुस्सा दिखाया है, वह भी इससे पहले कभी नहीं हुआ। पहले तो कुछ कश्मीरी आतंकवादियो के समर्थन में भी खड़े हो जाते थे परंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ। लगभग तीन दिन तक पूरे कश्मीर ने अपना कारोबार बंद रखकर अपने गुस्से का इज़हार किया। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि जो भी कश्मीरी भारत के विभिन्न भागों में रह रहे हैं यह सुनिश्चित किया जाए कि उनका बाल बांका न हो। खासकर जो कश्मीरी विद्यार्थी विभिन्न शहरों में हैं उन्हें पूरी सुरक्षा दें। इस दरम्यान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने मंत्रियों को भारत के विभिन्न हिस्सों, विभिन्न शहरों में भेजा है कि वे वहां जाकर राज्य सरकारों के मुखियाओं से मिलकर उनके क्षेत्र में रहने वाले कश्मीरियों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करें। अनेक मुख्यमंत्रियों ने पूरी सुरक्षा की गारंटी दी है। इस संकट के समय हमें यह प्रदर्शित करना चाहिए कि पूरा भारत कश्मीर के साथ है। (संयोजक-राष्ट्रीय सेक्युलर मंच द्वारा प्रसारित) (यह लेखक के व्य‎‎‎क्तिगत ‎विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अ‎निवार्य नहीं है) .../ 29 अप्रैल /2025