01-May-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। गर्मी के मौसम में भी जब हम पहाड़ों की ओर जाते हैं तो वहां ठंड का अहसास होता है। ऐसा क्यों होता है? दरअसल इसकी मुख्य वजह वायुमंडल में हवा के व्यवहार से जुड़ी हुई है। जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं, तो वे सीधे हवा को गर्म नहीं करतीं, बल्कि पहले पृथ्वी की सतह को गर्म करती हैं। इसके बाद सतह से उठने वाली ऊष्मा आसपास की हवा को गर्म करती है। गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है, लेकिन ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ वायुमंडलीय दबाव घटता है। कम दबाव के कारण ऊपर उठती गर्म हवा फैलती है और उसका तापमान गिर जाता है। इस प्रक्रिया को एडियाबेटिक कूलिंग कहा जाता है। जैसे-जैसे हम पहाड़ों पर चढ़ते हैं, हम वायुमंडल की उन परतों में प्रवेश करते हैं, जहां हवा का दबाव कम और तापमान भी कम होता है। इसलिए ऊंचाई पर तापमान तेजी से गिरता है। यही कारण है कि समुद्र तल के मुकाबले पहाड़ों पर ठंड ज्यादा महसूस होती है। इसके अलावा, जब ऊपर उठती हवा में नमी होती है तो वह संघनित होकर बादलों का निर्माण करती है और बारिश या ओले भी ला सकती है। ऊंचाई पर तापमान इतना गिर जाता है कि पानी बर्फ में बदल जाता है, इसलिए ऊंचे पहाड़ों पर सालभर बर्फ जमी रहती है। माउंट एवरेस्ट जैसी ऊंची चोटियों पर तो हवा में ऑक्सीजन भी इतनी कम हो जाती है कि पर्वतारोहियों को अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है। इस तरह, ऊंचाई बढ़ने के साथ कम दबाव और तापमान गिरने की वजह से पहाड़ों पर ठंड बनी रहती है, चाहे मैदानों में कितनी भी गर्मी हो। हिदायत/ईएमएस 01 मई 2025