नई दिल्ली (ईएमएस)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े अहम फैसले किए हैं। फिलहाल, भारत ने बड़ा कदम उठाकर सिंधु जल समझौते को रोक दिया है। सालों से खून की नदियां बहाने वाले पाकिस्तान को सिंधु जल प्रणाली के पानी को रोक दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा। दक्षिण एशिया में अगला बड़ा युद्ध ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें या राफेल जैसे लड़ाकू विमानों से नहीं लड़ जाएगा। यह युद्ध नदियों से लड़ा जा सकता है। इसके बाद पाकिस्तान की फसलें बर्बाद हो सकती हैं,शहरों में सूखा और अकाल पड़ सकता है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने फिर सिंधु जल संधि को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जानते हैं कि दोनों पड़ोसी देशों का इतिहास सिंधु से जुड़ा हुआ है। न हम मोदी को सिंधु का गला दबाने देने वाले हैं, और भगवान की इच्छा से भारत के लोग भी ऐसा नहीं करने देने वाले है। बिलावल ने फिर कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता लेकिन अगर भारत ने सिंधु पर हमला किया, तब उन्हें पता है कि उस नदी में या पानी बहेगा या खून। 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि हुई थी। भारत ने बड़ा दिल दिखाकर सिंधु जल प्रणाली के पानी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया है। भारत ने पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का नियंत्रण बरकरार रखा, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) मिलीं। ऐतिहासिक रूप से, भारत ने 1965, 1971 और कारगिल संघर्ष जैसे युद्धों के दौरान भी पानी का प्रवाह नहीं रोका। हर बड़े आतंकी हमले के बाद चाहे संसद (2001), मुंबई (2008), पठानकोट (2016) या पुलवामा (2019) हो, भारत ने संधि को छूने से परहेज किया। रणनीतिक फायदे को ज्यादा प्राथमिकता दी। इतिहास में यह दुर्लभ है कि कोई राष्ट्र दशकों तक हाइब्रिड युद्ध का सामना करने के बावजूद इतना संयम बनाए रखे। आशीष/ईएमएस 03 मई 2025