-भारत-पाक के मध्य युद्ध के गहराते काले बादल,विकाश नही विनाश का विगुल है -पीएम मोदी ने आतंकियों को कड़ी चेतावनी दी*। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में एक बार फिर से आतंकियों का क्रूर व काला चेहरा सबके सामने आया है। इसके पीछे कुछ सिर फिरे आतंकियों का हाथ था,जिन्होनें क्रूरता के साथ निर्दोष 26 लोगों की हृदय विदारक हत्या कर दी थी। जिससे एक वार आतंकी हमले ने साल 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले की याद दिला दी है।दोनों आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक के आकाओं को ना केवल चेताया बल्कि उनके खिलाफ कोठर कार्रवाई भी की।आप को याद होगा कि पुलवामा हमले में 44 सी आर पी एफ जवान शहीद हो गए थे। विगत दिनों जम्मु - कशमीर पुलवामा में हुए आतंकी हमले से भारत-पाक के मध्य युद्ध के काले बादल गहराने लगे,विकाश नही विनाश का विगुल बजने के अंदेशा लगने लगा है।ऐसे देश के चौथे खम्मा कहे जाने वाले मीडिया जिसकी भुमिका पर सन् 2014 से लगातार ही शंका सवाल उठता रहता है।जिससे भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर सरकारी तंत्र पर सवाल उठाए जाते है।आज आप अपने घर कार्यालय व मो० पर जिस नजर डाले - भारत पाक के मध्य में कभी भी युद्ध होने का माहौल को बढ़ा चढ़ा दर्शकों को दिखाया जा रहा है।अधिकत्तर टी वी चैनलों खास खबररिया चैनल के युद्धवीर उद्घोषक दोनों देश शैन्य शक्ति ,सैन्य शक्ति पर वाक्य युद्ध करते हुए नजर आ रहे है।भारत पाक सर्वविदित रहे कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आतंकियों को कड़ी चेतावनी दी थी ,इसके बाद पीएम मोदी ने कहा था कि इस आतंकी घटना के पीछे जो ताकत है उसे जरूर सजा दी जाएगी।उन्होंने कहा था कि इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं,कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं,वो स्वाभाविक हैं।हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी हुई है।हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है। आये दिनों एल ओ सी के पास पूरी रात गरज रहे है। फाइटर जेट्स पाकिस्तान में दशहत का माहौल है।पहलगाम के आतंक वादी हमले के बाद केन्द्र की मोदी सरकार के 5 बड़े फैसले लिए है। जिसमें भारत पाक के मध्य हुए सिंधु जल संधि,अटारी,सार्क बीजा सब बंद! मोदी द्वारा अपील की गई है कि सभी लोग सही जानकारियाँ हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे,ताकि आतंक को कुचलने में हमारी लड़ाई और तेज हो सके। इस मौके पर सभी राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें।इस हमले का देश एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है।देश का एक ही स्वर है और यही पूरे विश्व में सुनाई देना चाहिए , क्योंकि लड़ाई हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं।सिंधु जल संधि के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान को दिए जाने वाले पानी की आपूर्ति को रोकने की भी बात की गई थी,हालांकि बाद में इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।भारत ने नियंत्रण रेखा पर अपनी सैन्य उपस्थिति और निगरानी बढ़ा दी है।जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ तलाशी और घेराबंदी अभियान तेज कर दिए गए है।पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी ने अपने भाषण में आतंकवाद के खिलाफ खुली जंग का ऐलान किया।हमले के दुसरे दिन बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आतंकियों और आतंक की साजिश रचने वाले पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया।उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी यह हमला किया है उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने आगे कहा ‘हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ,देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है।मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं,जिन्होंने भी यह हमला किया,उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को,उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई तरह की कार्रवाइयां की हैं।ये कार्रवाइयाँ राजनयिक,आर्थिक और कुछ हद तक सैन्य हैं।भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है।नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात सैन्य सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया गया है तथा उन्हें देश छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।इसके साथ ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भी समकक्ष सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया गया है।दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया है।भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा भी रद्द माने जाएंगे और इस वीजा पर भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है।भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी प्रकार की वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।भारत ने अटारी स्थित एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।इससे दोनों देशों के बीच आवाजाही रुक गई है।इसके साथ ही भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान के साथ अपने सहयोग को निलंबित कर दिया है।सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता।अटारी सीमा चौकी को बंद करने और सीमा शुल्क में पहले से की गई वृद्धि के कारण द्विपक्षीय व्यापार पहले से ही काफी हद तक प्रभावित है।वहीं भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर अपनी निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी है।सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं।कुछ आतंक वादियों के घरों को भी ध्वस्त किया गया है।आप को बता दे कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए विगत बुधवार की सुबह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति और कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति की आपात बैठक बुलाई गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और पाकिस्तान को जवाब देने के संभावित विकल्पों पर चर्चा हुई। आप को याद होगा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में है।सोमवार को हुए इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या के बाद पूरे देश में गुस्सा है और पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है।इस महत्वपूर्ण बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।इस बैठक का उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन करना और आगे की रणनीति तय करना था।सीमा पर सेना को अलर्ट पर रखा गया है और आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।भारतीय सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान की हर नापाक हरकत को सख्ती से जवाब दिया जाएगा।सैन्य सूत्रों के अनुसार,सेना ने न सिर्फ जवाबी कार्रवाई की बल्कि पाकिस्तानी पोस्ट्स को सटीक निशाना भी बनाया।इस तरह की लगातार हो रही गोलीबारी से नियंत्रण रेखा पर तनाव एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है।पीएम मोदी ने सेना को उचित कार्रवाई का आदेश दिया है।वही लगातार पाकिस्तान की ओर से लगातार सिस फायर का उल्लंगन किया जा रहा है। वही भारतीय सेना अपने सैन्य अधिकारियों व सैन्य हथियारों के द्वारा पुर्वाभास करनें लगे-कुछ मिलाकर भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्ध के मड़राते हुए काले बादल देख कर विश्व के कई देशों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा दोनो के मध्य मध्यता करने के तैयार है।इतिहास इस बात का साक्षी है,जब - जब दो देशों के मध्य युद्ध होता है तो दोनों देशो में भारी जान मान की हानि होती है।विकाश गति ही नहीं रुकती है बल्कि कई मयाने में देश दशकों पीछे पहुँच जाता है। ऐसे हम आज यही कहने को मजबुर है कि-इन्हें सद्बुद्धि देना भगवान, संभावित युद्ध पर लगे विराम *भारत-पाक के मध्य युद्ध के गहराते संकट के उमड़ते - घुमड़ते बादल जो विकाश की ब्यार नही बल्कि विनाश व विध्वंस का विगुल बजाने को आतुर लग रहा है* ।जो देशों की मासुम व भोली भाली जनता कभी नही चाहेगी। विनोद कुमार सिंह/ईएमएस/06मई2025