ज़रा हटके
06-May-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद में मुनक्का को औषधीय गुणों का खजाना कहा गया है। यह न केवल पाचन और रक्त संचार को सुधारता है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। मुनक्का यानी काली किशमिश एक ऐसा सूखा फल है, जो स्वाद में तो लाजवाब होता ही है, साथ ही इसमें स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं से निपटने की क्षमता भी होती है। मुनक्का विटामिन, फाइबर, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को अंदर से पोषण देने के साथ-साथ बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मुनक्का में लिपिड यानी वसा को कम करने की क्षमता होती है। साथ ही इसमें मौजूद पॉलीफेनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं। खासतौर पर जिन लोगों को हृदय संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए मुनक्का लाभकारी हो सकता है क्योंकि यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा मुनक्का पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है और आंतों की सफाई में सहायक होता है। मुनक्का में आयरन और विटामिन बी की भरपूर मात्रा होती है, जिससे यह खून की कमी यानी एनीमिया को दूर करने में कारगर है। महिलाओं और बच्चों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद होता है। साथ ही इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। यह थकान और कमजोरी से राहत दिलाने में भी सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और दिनभर तरोताजा महसूस होता है। मुनक्का का लाभ त्वचा पर भी देखने को मिलता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को उम्र के असर से बचाते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं। यह त्वचा को स्वस्थ, चमकदार और जवान बनाए रखने में मदद करता है। मुनक्का को रोजाना सुबह भिगोकर खाना या दूध के साथ उबालकर सेवन करना बेहद लाभकारी माना जाता है। सुदामा/ईएमएस 06 मई 2025