पहलगाम आतंकी हमला...खुफिया एजेंसियों के फेल होने के बाद अब आतंकवादियों की खोज में आर्मी, राष्ट्रीय रायफल्स, पैरा कमांडो यूनिट, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बल नाकाम 13 दिन बाद भी आतंकी पकड़ से दूर - छात्रों-नागरिकों को प्रशिक्षण देने को कहा नई दिल्ली/जम्मू कश्मीर (ईएमएस)। 22 अप्रैल को 4 आतंकवादी पहलगाम के बायसरन घाटी में आए, सैलानियों के धर्म पूछे, ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और गायब हो गए। पिछले 13 दिनों से भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें खोजने में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, कुछ सुराग हाथ जरूर लगे, लेकिन आतंकी अभी तक पकड़ से दूर हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पहले खुफिया एजेंसियां फेल हुईं और अब आतंकवादियों की खोज में आर्मी, राष्ट्रीय रायफल्स, पैरा कमांडो यूनिट, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बल नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) के लिए देश के सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने को कहा है, ताकि किसी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आतंकियों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में बेहद प्लानिंग से हमला किया था। उन्हें पता था कि सुरक्षा बलों को यहां तक पहुंचने में कम से कम आधे घंटे लग ही जाएंगे। इतनी देर में वो आसानी से जंगलों में भाग जाएंगे। हुआ भी यही। बायसरन घाटी टाउन से 6-7 किमी दूर चढ़ाई पर है। ये पूरा रास्ता कच्चा है। यहां पैदल या फिर घोड़े से ही जाया जा सकता है। जब तक सुरक्षा बलों को सूचना मिली और वो हमले वाली जगह पहुंचे, आतंकियों को काफी बफर टाइम मिल गया। जिन रास्तों में इन आतंकवादियों को ट्रैक किया गया है, वो लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसी आतंकी संगठनों का एक एस्केप रूट है, जिसका वे लंबे समय से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। कमांडों ट्रेनिंग मिली थी आतंकियों को पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तानी कमांडो की ट्रेनिंग मिली हुई थी और अभी भी घाटी में ऐसे 15-20 आतंकी मौजूद हैं। जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडोज जैसी ट्रेनिंग दी गई थी। 15-20 ऐसे कमांडर कश्मीर घाटी में मौजूद हैं, जो विदेशी आतंकियों के छोटे-छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं। अब इन आतंकियों की खोज की जा रही है। ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए ट्रेंड आतंकी भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकवादी ऐसी भागौलिक परिस्थितियों के लिए ट्रेंड हैं और उन्होंने युद्ध प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। माना जाता है कि आतंवादियों में से एक हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक पूर्व पाकिस्तानी पैरा कमांडो है। वह अपने सैन्य प्रशिक्षण और सामरिक विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि पहलगाम आतंकी हमला सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। आतंकवादियों ने दो महीने पहले सांबा-कठुआ कॉरिडोर के जरिए क्षेत्र में घुसपैठ की थी। जम्मू की जेलों पर हमले का अलर्ट श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट बलवाल जैसी जेलों में आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। इन जेलों में कई हाई प्रोफाइल आतंकी और ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि खुफिया जानकारी के अनुसार, श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट बलवाल जैसी जेलों में आतंकी हमला हो सकता है। इन जेलों में कई हाई प्रोफाइल आतंकी और ओजीडब्ल्यू कैद हैं। खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इन सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। सूत्रों ने ये भी बताया कि इनपुट मिलने के बाद डीजी सीआईएसएफ ने रविवार को श्रीनगर में सुरक्षा ग्रिड के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की है। और समीक्षा के बाद जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान की सभी पार्टियां सेना के साथ पाकिस्तान के राजनीतिक दलों में यह सहमति बनी है कि भारत ने हमला किया तो सभी राजनीतिक दल एक साथ आ जाएंगे और संयुक्त मोर्चा बना लेंगे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने रविवार देर रात मौजूदा हालात के बारे में सभी राजनीतिक दलों को ब्रीफ किया। यह ब्रीफिंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने दी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग में सभी पार्टियों ने भारतीय हमले की सूरत में जवाबी कार्रवाई करने के लिए अपना समर्थन दिया। इस ब्रीफिंग में इमरान खान की मुख्य विपक्षी पार्टी पीटीआई शामिल नहीं हुई। दरअसल पीटीआई इमरान की जेल से रिहाई की मांग कर रही है, जिसे सरकार ने नकार दिया है। पाकिस्तान के सभी राजनीतिक दलों ने भारतीय हमले की सूरत में सेना के साथ खड़े होने की बात कही। रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने बैठक में कहा सरकार इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से फीडबैक लेना चाहती है। रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में कहा गया कि भारत दुनिया को अपनी बात समझा नहीं पाया है। जबकि पाकिस्तान का पक्ष मजबूत होकर उभरा है। दूसरी तरफ पाक सेना ने भी अपनी तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों को जानकारी दी। भारत की डिफेंस वेबसाइटों पर पाकिस्तान का साइबर अटैक! पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी बीच भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि पाकिस्तानी हैकर्स ने भारत की अहम डिफेंस वेबसाइट्स को निशाना बनाया है और रक्षा कर्मियों की गोपनीय जानकारी लीक होने की आशंका है। सेना के अनुसार, पाकिस्तान साइबर फोर्स नाम के एक एक्स हैंडल ने मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के डाटा में सेंधमारी की है। इस साइबर हमले में रक्षा कर्मियों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स सहित कई गोपनीय जानकारियों के लीक होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा यह भी रिपोर्ट किया गया है कि ग्रुप ने रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ‘आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड’ की आधिकारिक वेबसाइट को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इस वेबसाइट को पाकिस्तानी झंडे और एआई का उपयोग कर के बिगाड़ा गया। वेबसाइट को किया गया ऑफलाइन भारतीय सेना ने कहा कि एहतियातन, आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को फिलहाल ऑफलाइन कर दिया गया है ताकि वेबसाइट की पूरी जांच की जा सके और यह आकलन किया जा सके कि इस साइबर हमले से कितना नुकसान हुआ है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा सके कि वेबसाइट की सुरक्षा बनी रहे। साइबर स्पेस की निगरानी कर रहीं एजेंसियां इसके अलावा, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और एजेंसियां साइबर स्पेस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं ताकि पाकिस्तान से जुड़े किसी भी संभावित खतरे या प्रायोजित साइबर हमले की तुरंत पहचान की जा सके और उससे निपटा जा सके। सेना ने कहा कि यह निगरानी भविष्य के किसी भी खतरे को तुरंत पहचानने और उसे रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। सेना ने कहा कि जवाब में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने, डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने और आगे की घुसपैठ की कोशिशों से सुरक्षा के लिए उचित और आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।