06-May-2025
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- शराब कारोबारी पूरे देश में एक समान टैक्स लगाने की कर रहे मांग नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में शराब की ब्रिकी को लेकर अलग-अलग राज्यों में कीमतें भी अलग-अलग हैं। गोवा में एक शराब की बोतल की कीमत 100 रुपए है। वही कर्नाटक में 305 रुपए, तेलंगाना में 229 रुपए और राजस्थान में 205 रुपए है। कीमतों में यह अंतर राज्यों द्वारा लगाई एक्साइज ड्यूटी और अन्य करों की वजह से है। गोवा राज्य शराब पर सबसे कम कर लगाता है, जबकि कर्नाटक सबसे ज्यादा टैक्स लेता है। आंकड़ों के मुताबिक गोवा में शराब पर 55 फीसदी उत्पाद शुल्क लगता है, जबकि कर्नाटक में 80 फीसदी। कुछ साल पहले की तुलना में गोवा में कर की दरें थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन यह अब भी दूसरे राज्यों से कम है। शराब की कीमतों में यह अंतर लोकप्रिय ब्रांड्स में भी साफ दिखता है। एक बोतल ब्लैक लेबल व्हिस्की की कीमत दिल्ली में 3,310 रुपए, मुंबई में 4,200 और कर्नाटक में 5,200 रुपए है। यह अंतर न केवल उपभोक्ताओं को परेशान करता है बल्कि ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत को भी कमजोर करता है। उद्योगपति लगातार सरकार से पूरे देश में एक समान टैक्स लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्यों के वित्त मंत्री इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक शराब की कीमतों को लेकर अलग-अलग करों के कारण कई राज्यों में शराब की तस्करी बढ़ रही है। जैसे दिल्ली के लोग सस्ती शराब खरीदने हरियाणा जाते हैं। इसी तरह तमिलनाडु में कई लोग पुदुचेरी से शराब खरीदते हैं क्योंकि वहां कर कम होने की वजह से कीमत भी कम है। इस कारण ज्यादा कर लगाने वाले राज्यों को राजस्व का नुकसान हो रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद शराब पर उत्पाद शुल्क और पेट्रोल-डीजल पर वैट ही राज्यों के लिए आय का प्रमुख स्रोत हैं। ऐसे में मुफ्त की योजनाओं के दौर में राज्य सरकारें अपने कर लगाने के अधिकार को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वित्त मंत्रियों का मानना है कि इन करों से राजस्व की कमी को पूरा किया जाता है। एक सीईओ का कहना है कि हमें समझ है कि राज्यों को अपनी आय बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन इसके लिए एक स्थायी मॉडल बनाना होगा। करों को तर्कसंगत करने से उपभोक्ता बेहतर और प्रीमियम उत्पाद खरीद सकते हैं। इससे कम पियो, अच्छा पियो की सोच को बढ़ावा मिलेगा। इसी तरह एक शराब इंडस्ट्री ने भी अलग-अलग कर दरों को उद्योग के लिए बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय शराब उद्योग के लिए कोई एक समान रणनीति नहीं है। उद्योग को एक समान कर प्रणाली की जरूरत है, जो इसके विकास को गति दे सके। सिराज/ईएमएस 06 मई 2025