-ठेकेदारों और बीएमसी अफसरों के घर-दफ्तर से कई अहम दस्तावेज बरामद मुंबई,(ईएमएस)। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को मुंबई नदी सफाई प्रोजेक्ट में हुए 55 करोड़ के भ्रष्टाचार के घोटाले में पहली एफआईआर दर्ज की है। एसआईटी की सिफारिशों पर इस योजना में धोखाधड़ी और अनियमितताओं की जांच कर रही थी। एफआईआर में पांच ठेकेदारों और तीन बीएमसी अफसरों को नामजद किया गया है, जिन पर फर्जी समझौते पर हस्ताक्षर करने और फंड में बड़ी गड़बड़ियों को अंजाम देने का आरोप है। मंगलवार सुबह मुंबई के 8-9 स्थानों पर छापे मारे गए। इनमें आरोपी ठेकेदारों और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अफसरों के दफ्तरों और आवासीय परिसर शामिल है। सूत्रों के मुताबिक कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। छापे मारी में भुगतान रजिस्टर में गड़बड़ी और कार्यों के बिना निरीक्षण भुगतान। नदी सफाई के लिए फर्जी कंपनियों के जरिए ठेके जारी करना। काम पूरा होने से पहले बड़ी रकम का अग्रिम भुगतान के सबूत मिल हैं। बीएमसी ने कहा है कि वह इस मामले में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मामले को लेकर मुंबई हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। बता दें मुंबई नदी सफाई प्रोजेक्ट का उद्देश्य शहर की मीठी, पोइसर और दहिसर नदियों की सफाई कर उन्हें पुनर्जीवन देना है, लेकिन इसके कार्यान्वयन को लेकर पिछले कुछ समय से पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। यह घोटाला न केवल वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करता है, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरणीय परियोजनाओं की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। सिराज/ईएमएस 06मई25