- मौसम विभाग ने मानसून पर जारी किया अनुमान भोपाल। किसानों के लिए राहत और जनता को गर्मी से निजात देने के लिए मानसून की एंट्री को लेकर हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है। मप्र में मानसून का इंतेजार करने वाले खुश हो जाएं। क्योंकि बहुत जल्द प्रदेश पानी से तरबतर हो जाएगा। जानिए 2025 में मप्र सहित भारत में मानसून कब देगा दस्तक कैसी होगी बारिश। जून के दूसरे सप्ताह में हो सकती है मानसून की एंट्री। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश सामान्य होगी। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर संत कुमार शर्मा ने बताया कि, 2025 में भारत में औसत बारिश होने की संभावना है, भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि मानसून की मौसमी वर्षा दीर्घावधि औसत का 105 प्रतिशत हो सकती है। यह दर्शाता है कि 2025 में मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। विभाग 5 प्रतिशत का मार्जिन लेकर अनुमान लगाता है इसलिए इसे सामान्य वर्षा ही कही जाएगी। मप्र में भी 2024 के मुकाबले कम बारिश हो सकती है। 7 मई से मौसम लेगा करवट, गर्मी झुलसाएगी यह तो हो गई जून की बात। अब आपको बताते हैं कि मप्र में मई में मौसम कैसा रहेगा। तो आपको बता दें कि 7 मई तक मप्र में ओला बारिश और तूफान की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद एक बार फिर मौसम करवट लेगा और लोगों को गर्मी की तपन से जूझना पड़ेगा। खास तौर पर चंबल अंचल, बुंदेलखंड और मध्य भारत के इलाके की 40 डिग्री तापमान से ज्यादा में रहने की उम्मीद है। बात करें मप्र की तो, 2024 में 21 जून को मानसून की पांढुर्ना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों में सबसे पहले दस्तक हुई थी। वहीं आखिरी में ग्वालियर-चंबल पहुंचा था। पिछले साल मप्र में जमकर बारिश हुई थी। अधिकतर जगह नदी-नाले ऊफान पर आ गए थे। जिसमें जान-माल का भी नुकसान हुआ था। सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा हुई थी 2024 में बारिश मौसम विभाग के अनुसार, मानसून सीजन 2024 में भारत में 934.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो दीर्घावधि औसत का 108 प्रतिशत तथा और 2020 के बाद से सबसे अधिक बारिश है। मध्य भारत में इस क्षेत्र के दीर्घकालिक औसत से 19 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी। दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से 14 फीसदी ज्यादा तथा उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी। मानसून का कैसे लगाया जाता है पता मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर संत कुमार शर्मा ने बताया कि, मानसून का पता लगाना एक कठिन प्रक्रिया है, जिसमें कई बातों को ध्यान में रखा जाता है, जैसे कि मौसम संबंधी डेटा, समुद्र की सतह का तापमान और हवा के दबाव का पैटनर्। यह आंकलन कई तरीकों से किया जाता है। जिनमें से प्रमुख हैं मौसम संबंधी मॉडल, सांख्यिकीय पूर्वानुमान और मानव विशेषज्ञता का ध्यान रखा जाता है। सबसे पहले, तापमान, वायुदाब, आद्र्रता और वर्षा जैसे विभिन्न मौसम संबंधी डेटा को इक_ा किया जाता है, जैसे कि जमीन आधारित स्टेशन, समुद्र आधारित स्टेशन, वायुमंडल आधारित स्टेशन और उपग्रहों से मील डेटा को मिलाया जाता है और इक्कठे किए गए डेटा को प्रोसेस किया जाता है। मौसम संबंधी मॉडलों का उपयोग करके पूर्वानुमान लगाया जाता है। इन मॉडलों में कई बातों को ध्यान में रखा जाता है। विनोद / 06 मई 25