राष्ट्रीय
06-May-2025


छोटी जाति के जज की बर्खास्तगी से नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली (ईएमएस)। न्यायपालिका में उपेक्षित समुदाय के जजों को भी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की खंड पीठ ने पंजाब के एडिशनल सेशन जज की बर्खास्तगी के मामले में सुनवाई के दौरान कहा, जज को भी जातिगत पक्षपात का शिकार होना पड़ा। ऊंचे समुदाय के लोग उसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। झूठे आरोप में उसे बर्खास्त कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने जज की बर्खास्तगी को गलत मानते हुए जज को बहाल करने के आदेश दिए हैं। बरनाला के प्रेम कुमार 26 अप्रैल 2014 को एडिशनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश बने। उन्हें अमृतसर जिला कोर्ट में नियुक्त किया गया। इस दौरान दुष्कर्म के आरोप की शिकायत हाईकोर्ट में की गई। जब प्रेम कुमार वकालत करते थे। उसे वक्त उन्होंने दुष्कर्म पीड़ता की ओर से समझौते के लिए संपर्क कर पीड़ता को 1।50 लाख का मुआवजा दिलवाया था। इसकी शिकायत के आधार पर जज प्रेम कुमार की हाई कोर्ट द्वारा जांच कराई गई। उनकी ईमानदारी को संदिग्ध मानते हुए 2022 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की फुल बेंच ने शिकायत के आधार पर प्रेम कुमार को बर्खास्त कर दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अपील में आया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने निर्णय उनकी बर्खास्तगी को गलत बताते हुए जज की बहाली करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की। ऊंचे समुदाय के लोग उपेक्षित समुदाय के लोगों को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। देश में जब एक जज के साथ इस तरह का भेदभाव किया जा रहा है। इससे समझा जा सकता है,कि आज भी देश में उपेक्षित वर्ग का किस तरह से उत्पीड़न किया जा रहा है। एसजे/06/05/2025