09-May-2025
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अहमदाबाद (ईएमएस)| प्रत्येक मई माह के दूसरे शनिवार को गुजरात सहित पूरे विश्व में विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस वर्ष इसका विषय पक्षी-अनुकूल शहरों और समुदायों का निर्माण है। इस दिवस के उत्सव के संबंध में, पिछले दो वर्षों 2023 से 2025 तक, राज्य के चार रामसर साइट क्षेत्रों में लगभग 14.20 लाख से अधिक प्रवासी पक्षी गुजरात के मेहमान बन चुके हैं, अर्थात गुजरात उनके लिए पहली पसंद सुरक्षित और अनुकूल राज्य बन गया है, जो सभी गुजरातियों के लिए गर्व की बात है। वन विभाग ने बताया कि ये पक्षी मुख्य रूप से नवंबर से फरवरी तक गुजरात आते हैं। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र, लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों की रक्षा तथा पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए कड़े कानून, नियम और योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन और वन मंत्री मुलु बेरा तथा राज्य के वन मंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में वन विभाग वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन के इस अभियान को जोर-शोर से आगे बढ़ा रहा है। परिणामस्वरूप, पिछले डेढ़ दशक में गुजरात पशुओं और प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित राज्य बन गया है। इस प्रकार, गुजरात देश भर में पक्षी जीवन के लिए एक स्वर्ग के रूप में उभरा है। नल सरोवर पक्षी अभयारण्य-अहमदाबाद: वर्ष 2024-25 में 276 प्रजातियों के सर्वाधिक 6.91 लाख से अधिक प्रवासी पक्षी नलसरोवर आए। इन पक्षियों में मुख्य रूप से स्वैलो, पिनटेल, गॉडविट, गूज, पेलिकन, फ्लेमिंगो, गेरगिन, पोचार्ड, ईगल, क्रेन, वेडर्स, स्टॉर्क, कूट्स, स्पूनबिल्स, इग्रेट्स आदि देखे जाते हैं। मध्य एशियाई मार्ग पर स्थित नल सरोवर को 1969 में पक्षी अभयारण्य तथा 2012 में रामसर साइट का दर्जा दिया गया। यह झील लगभग 120 वर्ग किमी. में फैली है। यह 1000 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। चूंकि प्रवासी पक्षी हर वर्ष नलसरोवर आते हैं, इसलिए अब तक कुल 328 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया जा चुका है। वन विभाग हर दूसरे वर्ष पक्षियों की अनुमानित गणना करता है। चूंकि प्रवासी पक्षी हर वर्ष नलसरोवर आते हैं, इसलिए अब तक कुल 328 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया जा चुका है। वन विभाग हर दूसरे वर्ष पक्षियों की अनुमानित गणना करता है। खिजड़िया पक्षी अभयारण्य-जामनगर: जामनगर जिले में समुद्री राष्ट्रीय उद्यान-खिजड़िया पक्षी अभयारण्य में कुल 5.34 लाख से अधिक प्रवासी पक्षी आए, जिनमें 2024 में 286 प्रजातियों में से 2,25,169 और 2025 में 291 प्रजातियों में से अधिकतम 3,09,062 शामिल हैं। खिजड़िया पक्षी अभयारण्य में लंबे पैरों वाले, पानी पर, जमीन पर, पेड़ों पर, कीचड़ पर अब तक कुल 314 पक्षी प्रजातियों को देखा गया है। साइबेरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इराक, ईरान, यूरोप, दक्षिण अमेरिका आदि देशों से लगभग 170 प्रवासी पक्षी खिजड़िया के मेहमान बनकर अभयारण्य की शोभा बढ़ाते हैं। 1982 में भारत सरकार द्वारा घोषित खिजड़िया पक्षी अभयारण्य जामनगर शहर से सिर्फ 13 किमी दूर है। दूर स्थित है तथा 6.05 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभयारण्य मुख्यतः दो भागों में विभाजित है - भाग 1 धुवाव की ओर और भाग 2 जांम्बुडा की ओर बंटा हुआ है| खिजड़िया भारत-एशियाई उड़ान मार्ग के मध्य में स्थित है, जिससे यह प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श पड़ाव बन जाता है। इनमें से कुछ प्रवासी पक्षी पूरे शीतकाल में इसी क्षेत्र में रहते हैं। इस अभयारण्य को वर्ष 2021 में रामसर साइट का दर्जा दिया गया। वर्ष 2021 में वधवाना झील को ‘रामसर साइट’ का दर्जा दिया गया। वर्ष 2023-24 में 167 प्रजातियों के कुल 58,138 प्रवासी पक्षी तथा वर्ष 2024-25 में 145 प्रजातियों के 54,169 प्रवासी पक्षी वढवाण झील पर आए। इनमें मुख्य रूप से उत्तरी पिंटेल, कॉमन टील, रूडी शेल्डक, ग्रे लैम ग्रिम, स्पूनबिल्स, पोंड हेरोन, ग्रेटर हेरोन, कॉर्मोरेंट, डार्टर, स्पॉटेड बिल्ड डक, ब्लैक-टेल्ड गॉडबिट, वेन्ड स्टॉर्क, उत्तरी शॉवलर, कूट, ब्लैक-विंग्ड स्टिल्ट, रोज़ी स्टार्लिंग जैसे पक्षी शामिल हैं। थोळ वन्यजीव अभयारण्य: थोळ वन्यजीव अभयारण्य में 74 प्रजातियों के कुल 55,587 प्रवासी पक्षी आए, जिसे 2021 से रामसर साइट का दर्जा प्राप्त है। 2024 में 59 प्रजातियों के 26,162 प्रवासी पक्षी यहां आए। वन्यजीवों एवं पक्षियों के संरक्षण एवं प्रजनन के लिए भीषण गर्मी में भी वन्यजीवों एवं पक्षियों के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जब प्रवासी पक्षी शीतकाल में गुजरात की धरती को अपना अस्थायी आश्रय-गृह बनाते हैं, तो यह राज्य के नागरिकों के लिए गर्व की बात होती है। रामसर साइटें भारत के कुल 89 रामसर स्थलों में से चार रामसर स्थल गुजरात में स्थित हैं। इनमें नल सरोवर पक्षी अभयारण्य, थोल झील वन्यजीव अभयारण्य, खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और वधवाना वेटलैंड शामिल हैं। यहां कई आर्द्रभूमि आधारित संरक्षित क्षेत्र हैं, जैसे समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य, खिजड़िया अभयारण्य, नलसरोवर अभयारण्य, छारी ढांढ संरक्षण रिजर्व, कच्छ का छोटा रण-घुड़खर अभयारण्य, कच्छ का बड़ा रण-कच्छ का रण अभयारण्य और पोरबंदर पक्षी अभयारण्य है| सतीश/09 मई