राज्य
09-May-2025
...


पटना (ईएमएस)। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पहलगाम हमले के बाद बिहार सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। नीतीश सरकार ने राज्य के इच्छुक युवाओं को ‘आपदा मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है, ताकि वे आपात स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों में मदद कर सकें। यह निर्णय शुक्रवार को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के महानिदेशक परेश सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान भारत-नेपाल के सीमावर्ती जिलों जैसे पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा घोषित नागरिक सुरक्षा जिलों पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय और पटना में आपदा मित्रों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया। सरकार ने युवाओं को ‘आपदा मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें 750 रुपये प्रतिदिन का मानदेय देने का निर्णय भी लिया है, जो पहले 400 रुपये था। ये आपदा मित्र जिला प्रशासन के साथ मिलकर आपात स्थिति में त्वरित गति से राहत और बचाव कार्य करेंगे। राज्य के अन्य इच्छुक युवा जो नागरिक सुरक्षा कार्यालय या जिला पदाधिकारी कार्यालय में संपर्क करेंगे। अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि आपदा मित्रों को प्रशिक्षण देने का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, राहत कार्यों में मदद और जन-जागरूकता बढ़ाना है। ये प्रशिक्षित युवा किसी भी आपदा के दौरान जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित लोगों की सहायता करेंगे। प्रत्यय अमृत ने कहा, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ‘आपदा मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित युवा किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करेंगे। विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों और विदेशी पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध गया जिले में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन जिलों में आपदा मित्रों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैनात किया जाएगा। - किन युवाओं को मिलेगा मौका? - विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से जुड़े राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक। - राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट्स। - नेहरू युवा केंद्र और स्काउट एंड गाइड के सदस्य।