10-May-2025


ठाणे, (ईएमएस)। कोरोना काल से आर्थिक तंगी से जूझ रही ठाणे महानगरपालिका को महाराष्ट्र सरकार से विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का अनुदान मिला है, लेकिन कुछ दिन पहले ही ठाणे महानगरपालिका ने बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से 213 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज लिया था। इसी तरह प्रशासन ने अब 468 करोड़ रुपये का और ऋण लेने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मनपा प्रशासन ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। कोरोना काल से राजस्व और व्यय का हिसाब बिगड़ने और देनदारी बोझ बढ़ने के कारण ठाणे मनपा वित्तीय संकटों का सामना कर रही है। हालांकि पिछले वर्ष राज्य सरकार ने 914 करोड़ रुपए का पर्याप्त विकास अनुदान प्रदान किया था। कोरोना काल समाप्त होने के बाद मनपा को राजस्व बढ़ाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत थी। लेकिन राजस्व बढ़ा पाने में मनपा प्रशासन नाकाम रही। ठाणे मनपा पर अभी भी 400 से 500 करोड़ रुपये की देनदारी है और सड़क, पानी एवं अन्य बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को करने और किए गए कार्यों के भुगतान के लिए मनपा के खजाने में पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि महानगर पालिका प्रशासन ने केंद्र सरकार से बुनियादी ढांचा विकास सुविधाओं के लिए प्रोत्साहन अनुदान और ऋण योजना से 213 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इस मांग को स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार ने मनपा को प्रथम चरण में 115 करोड़ रुपये तथा उसके बाद 98 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया। यह ऋण 50 वर्ष की अवधि के लिए दिया गया था और इसका उपयोग ठेकेदारों के ऋण का भुगतान करने के लिए भी किया गया था। इसी तरह प्रशासन ने अब 468 करोड़ रुपये का और ऋण लेने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मनपा प्रशासन ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। मनपा सूत्रों ने बताया कि इस ऋण से सड़क, सीवर, फुटपाथ, जल कार्य, सीवेज कार्य आदि के साथ-साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं के कार्य प्रस्तावित किए जाने हैं। स्वेता/संतोष झा- १० मई/२०२५/ईएमएस