नई दिल्ली (ईएमएस)। गर्मी के मौसम में शरीर का पाचन कमजोर हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल असंतुलित होने की आशंका भी बढ़ जाती है। कई ऐसे मौसमी फल होते हैं जो स्वाद में भले ही लाजवाब हों, लेकिन इनमें प्राकृतिक शर्करा (फ्रक्टोज) की मात्रा और ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है। ऐसे फल डायबिटीज रोगियों के लिए जोखिम भरे साबित हो सकते हैं क्योंकि ये ब्लड शुगर को अचानक बढ़ा सकते हैं। गर्मियों में सबसे अधिक खाया जाने वाला फल है आम, जो डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51-56 के बीच होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अधिक होती है। यदि आम खाना बहुत जरूरी हो तो इसकी मात्रा सीमित रखें और नट्स या दही के साथ लें ताकि शुगर तेजी से न बढ़े। अंगूर भी इसी श्रेणी में आता है। इसमें प्रति 100 ग्राम में लगभग 16 ग्राम चीनी होती है, जो शरीर में तेजी से अवशोषित होकर ब्लड शुगर को ऊपर ले जा सकती है। अंजीर, लीची और केला भी गर्मियों के लोकप्रिय फल हैं, लेकिन डायबिटीज मरीजों को इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अंजीर में प्रति मध्यम फल लगभग 8 ग्राम शर्करा होती है जबकि लीची में 15 ग्राम तक। पके केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है और एक मीडियम केले में 20-25 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इनके विपरीत, डायबिटीज रोगियों को ऐसे फल चुनने चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो और जो फाइबर से भरपूर हों। जामुन, अमरूद, पपीता और नाशपाती ऐसे ही विकल्प हैं जो शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। फलों को नट्स, बीज या दही के साथ खाने से उनका असर धीरे होता है और ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता। फलों के सेवन के दो घंटे बाद ब्लड शुगर की जांच करना एक अच्छा तरीका है यह जानने के लिए कि कौन सा फल आपके शरीर के लिए सुरक्षित है। गर्मियों का मौसम जहां ठंडे और रसीले फलों की बहार लेकर आता है, वहीं यह समय डायबिटीज मरीजों के लिए अतिरिक्त सतर्कता का होता है। सुदामा/ईएमएस 12 मई 2025