अंतर्राष्ट्रीय
12-May-2025
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: अफगानिस्तान में शतरंज खेलने पर लगाया प्रतिबंध काबुल,(ईएमएस)। तालिबान ने धार्मिक कारणों से अफगानिस्तान में शतरंज पर प्रतिबंध लगाया है। इस तरह के अजीबोगरीब वजह बताकर तालिबान ने मनोरंजन और खेल के विभिन्न रूपों का विरोध जारी रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय धार्मिक विचारों और तालिबान के सदाचार संवर्धन और वाइस की रोकथाम मंत्रालय द्वारा घोषित प्रतिबंधों के कारण हुआ है। फैसले से अफगानिस्तान में शतरंज से जुड़ी गतिविधियों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगी है। तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने 11 मई को शतरंज गतिविधियों के निलंबन की पुष्टि कर कहा कि धार्मिक चिंताओं के बारे में उपयुक्त प्रतिक्रिया मिलने तक देश में खेल पर प्रतिबंध लगा रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के सदाचार संवर्धन और वाइस रोकथाम मंत्रालय ने अफगानिस्तान शतरंज महासंघ को भी भंग किया है, जिसमें इस्लामी कानून की व्याख्या के अनुसार खेल को हराम (निषिद्ध) करार दिया गया है। यह निर्णय तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सांस्कृतिक, सामाजिक और खेल आयोजनों पर लगे प्रतिबंधों की बढ़ती प्रवृत्ति के बाद लिया गया है। प्रतिबंध के संबंध में तालिबान की घोषणा से पहले, कई शतरंज खिलाड़ियों और इससे जुड़े अधिकारियों ने कथित तौर पर तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय से अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अनुमति और वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था। हालांकि, तालिबान ने प्रतिबंध की घोषणा की, जिससे खेल खेलने के उनके प्रयासों को खारिज किया। रिपोर्ट के मुताबिक, कभी अफगानिस्तान में एक बौद्धिक खेल माने जाने वाले शतरंज ने हाल के वर्षों में पुनरुत्थान का आनंद लिया है, जिसमें राष्ट्रीय महासंघ तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय के तहत काम कर रहा है। शतरंज खेलने पर प्रतिबंध अफगानिस्तान में स्वतंत्रता पर तालिबान के बढ़ते प्रतिबंधों को दिखाता है। तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं। यह देखा जाना बाकी है कि ये नीतियां कब तक चलेंगी या क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान पर अपने फैसलों को वापस लेने के लिए दबाव डाल पाएगा। इससे पहले फरवरी में तालिबान ने घोषणा की थी कि 22 मार्च से छात्रों को तालिबान द्वारा जारी नई यूनिफार्म पहननी होगी। नोटिस के मुताबिक, कक्षा एक से नौवीं तक के छात्रों को नीली शर्ट, पैंट और सफेद टोपी पहननी होगी। वहीं 10वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को सफेद शर्ट, पैंट और हेडस्कार्फ या पगड़ी पहननी होगी। इसके पहले, तालिबान नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने नौ-बिंदु डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें कहा गया था कि सभी सार्वजनिक और निजी स्कूल यूनिफार्म में एक शर्ट, पैंट, पगड़ी और सफेद टोपी शामिल होगी। विधेयक में महिला शिक्षकों या छात्रों के लिए वर्दी के बारे में विवरण शामिल नहीं था। छात्राओं के लिए वर्दी का रंग काला है। आशीष दुबे / 12 मई 2025 तालिबान का अजीबोगरीब फैसला: अफगानिस्तान में शतरंज खेलने पर लगाया प्रतिबंध काबुल,(ईएमएस)। तालिबान ने धार्मिक कारणों से अफगानिस्तान में शतरंज पर प्रतिबंध लगाया है। इस तरह के अजीबोगरीब वजह बताकर तालिबान ने मनोरंजन और खेल के विभिन्न रूपों का विरोध जारी रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय धार्मिक विचारों और तालिबान के सदाचार संवर्धन और वाइस की रोकथाम मंत्रालय द्वारा घोषित प्रतिबंधों के कारण हुआ है। फैसले से अफगानिस्तान में शतरंज से जुड़ी गतिविधियों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगी है। तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने 11 मई को शतरंज गतिविधियों के निलंबन की पुष्टि कर कहा कि धार्मिक चिंताओं के बारे में उपयुक्त प्रतिक्रिया मिलने तक देश में खेल पर प्रतिबंध लगा रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के सदाचार संवर्धन और वाइस रोकथाम मंत्रालय ने अफगानिस्तान शतरंज महासंघ को भी भंग किया है, जिसमें इस्लामी कानून की व्याख्या के अनुसार खेल को हराम (निषिद्ध) करार दिया गया है। यह निर्णय तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सांस्कृतिक, सामाजिक और खेल आयोजनों पर लगे प्रतिबंधों की बढ़ती प्रवृत्ति के बाद लिया गया है। प्रतिबंध के संबंध में तालिबान की घोषणा से पहले, कई शतरंज खिलाड़ियों और इससे जुड़े अधिकारियों ने कथित तौर पर तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय से अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अनुमति और वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था। हालांकि, तालिबान ने प्रतिबंध की घोषणा की, जिससे खेल खेलने के उनके प्रयासों को खारिज किया। रिपोर्ट के मुताबिक, कभी अफगानिस्तान में एक बौद्धिक खेल माने जाने वाले शतरंज ने हाल के वर्षों में पुनरुत्थान का आनंद लिया है, जिसमें राष्ट्रीय महासंघ तालिबान के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय के तहत काम कर रहा है। शतरंज खेलने पर प्रतिबंध अफगानिस्तान में स्वतंत्रता पर तालिबान के बढ़ते प्रतिबंधों को दिखाता है। तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं। यह देखा जाना बाकी है कि ये नीतियां कब तक चलेंगी या क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान पर अपने फैसलों को वापस लेने के लिए दबाव डाल पाएगा। इससे पहले फरवरी में तालिबान ने घोषणा की थी कि 22 मार्च से छात्रों को तालिबान द्वारा जारी नई यूनिफार्म पहननी होगी। नोटिस के मुताबिक, कक्षा एक से नौवीं तक के छात्रों को नीली शर्ट, पैंट और सफेद टोपी पहननी होगी। वहीं 10वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को सफेद शर्ट, पैंट और हेडस्कार्फ या पगड़ी पहननी होगी। इसके पहले, तालिबान नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने नौ-बिंदु डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें कहा गया था कि सभी सार्वजनिक और निजी स्कूल यूनिफार्म में एक शर्ट, पैंट, पगड़ी और सफेद टोपी शामिल होगी। विधेयक में महिला शिक्षकों या छात्रों के लिए वर्दी के बारे में विवरण शामिल नहीं था। छात्राओं के लिए वर्दी का रंग काला है। आशीष दुबे / 12 मई 2025