बेशर्म तैय्यप एर्दोगन का असली चेहरा आया भारत के सामने नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चली लड़ाई में पाकिस्तान ने भारी मात्रा में तुर्की के दिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। अब इसबारे में नई जानकारी सामने आई है जिसके मुताबिक, दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार अलग-अलग हमलों में कुल 350 से अधिक टर्किश ड्रोन का इस्तेमाल हुआ। इतना ही नहीं पाकिस्तान में मौजूद तुर्की के सैन्यकर्मी भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों में शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर ड्रोन हमले करने में तुर्की के सलाहकारों ने पाकिस्तानी सेना की मदद की थी। सूत्र ने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई में तुर्की के दो ड्रोन ऑपरेटर भी मारे गए हैं। पाकिस्तान ने कथित तौर पर भारत के खिलाफ टीबी2 ड्रोन और वॉयईएचएस ड्रोन का इस्तेमाल किया। बताया जाता हैं कि इन ड्रोनों का इस्तेमाल लक्ष्य निर्धारण और खुद को नष्ट कर दुश्मन को नुकसान पहुंचाने के लिए जाता है। लड़ाई चार दिनों तक चली जिसमें तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया। भारत सरकार ने कहा कि गुरुवार रात पाकिस्तान ने जिन ड्रोन से भारत के उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर हमला करने की कोशिश की, उनके मलबे की शुरुआती जांच से पता चलता है ड्रोन तुर्किए मूल के सोंगर सशस्त्र ड्रोन सिस्टम के हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी लड़ाई शुरू होने से पहले तुर्किए नौसेना का एक युद्धपोत कराची बंदरगाह पर पहुंचा था। युद्धपोत के कराची पहुंचने से पहले तुर्किए के सी-130 एयरक्राफ्ट ने कराची में लैंड किया था। पाकिस्तान की मीडिया में दावा किया गया कि एयरक्राफ्ट में लड़ाकू हथियार हैं। लेकिन तुर्किए के रक्षा मंत्रालय ने उन दावों को खारिज करते हुए कहा कि एयरक्राफ्ट ईंधन भरने के लिए कराची में उतरा था न कि उससे पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई की गई। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन भी पूरे तनाव के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़े दिखाई दिए। भारत के एयरस्ट्राइक में पाकिस्तानी आतंकियों की मौत की खबर आने के बाद एक्स पर लिखा था, हम इससे फिक्रमंद हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव मिसाइल हमलों के कारण व्यापक संघर्ष में बदल सकता है, इसकारण बड़ी संख्या में नागरिक शहीद हो सकते हैं। मैं हमलों में अपनी जान गंवाने वाले हमारे भाइयों के लिए अल्लाह से रहम की प्रार्थना करता हूं, और मैं फिर पाकिस्तान के भाई जैसे लोगों और पाकिस्तान के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। आशीष दुबे / 14 मई 2025