मसूद अजहर को 14 करोड़, भारतीय अटैक में तबाह जैश हेडक्वार्टर को बनाने का वादा... नई दिल्ली(ईएमएस)।भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इसमें जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी खंडहर में तब्दील हो गया था। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए थे। वहीं, पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारतीय हमलों में मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इस बात का जिक्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी मसूद अजहर के 14 रिश्तेदार इन हमलों में मारे गए हैं। ऐसे में संभावना है कि मसूद अजहर को पाकिस्तानी सरकार की तरफ से 14 करोड़ का मुआवजा मिल सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए लोगों में मसूद अजहर की बड़ी बहन और जीजा, भतीजा-भाभी, एक भांजी और कई बच्चे शामिल हैं। ऐसे में मसूद अजहर ही इन सबका वैध उत्तराधिकारी है, तो पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे भारी भरकम राशि मिलने की संभावना है। भारतीय सेना ने तबाह किए आतंकी ठिकाने भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय समेत कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह तबाह कर दिया गया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि हमले सटीक और केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे। अलग-अलग कैटेगरी में पैसा बांटेगी शहबाज सरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पीएम शहबाज शरीफ ने इसे मारका-ए-हक अभियान का हिस्सा बताया है और मारे गए लोगों और सुरक्षाबलों के लिए व्यापक मुआवजा योजना की घोषणा की है। एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक शहबाज सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी में मुआवजा तय किया है। घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी सरकार पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि शहीदों के बच्चों की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है और हम इस दायित्व को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार घायलों के इलाज का सारा खर्च वहन करेगी। पीएम शहबाज शरीफ ने यह भी वादा किया कि पाकिस्तान की रक्षा और सम्मान में योगदान देने वाले किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाएगी और पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। विनोद कुमार उपाध्याय, 14 मई, 2025