इंदौर में जनजातीय विभाग की कार्यशाली से हटाया मंत्री का चेहरा... विजय शाह की जगह पीएम मोदी का फोटो लगाया कोर्ट ने फटकारा, अपनों ने ठुकराया, फिर भी शाह पर आंच नहीं आई - मप्र सहित देशभर में मप्र के मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन...हर कोई मांग रहा इस्तीफा भोपाल (ईएमएस)। महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर मप्र हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद पर हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं मप्र हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ लिखी गई एफआईआर की कॉपी पर भी सवाल उठाए हैं। इधर सियासी उथलपुथल भी तेज हो गई है। उमा भारती भी इस मामले में लगातार मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि कोर्ट ने फटकारा, अपनों की दुत्कार के बाद भी शाह पर आंच नहीं आई है। गौरतलब है कि प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह हर ओर से बुरी तरह घिर गए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद से शाह पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। इस बीच इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में वन विभाग और जनजातीय विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यशाला के होर्डिंग्स पर लगे मंत्री शाह के मुस्कुराते फोटो फटाफट छिपा दिए गए। उनके फोटो के स्थान पर पीएम नरेंद्र मोदी के फोटो लगाए गए। फोटो लगाने वाले जिम्मेदारों को जमकर फटकार भी पड़ी। विजय शाह जनजाति विभाग में ही कैबिनेट मंत्री हैं। कार्यशाला में एक बड़े बैकड्राप में सीएम मोहन यादव और विभाग के मंत्री विजय शाह का पोस्टर लगा हुआ था। लेकिन, कार्यक्रम शुरू होने से पहले पहुंचे अधिकारियों ने स्टाफ को जमकर फटकार लगाई और मंत्री का पोस्टर हटाने के लिए कहा। बैकड्राप बन गया था और पोस्टर हट नहीं सकता था। इसलिए उस पर सफेद कागज चिपकाया गया और ऊपर से पीएम नरेंद्र मोदी का फोटो लगाया गया। पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार गुरुवार को युगलपीठ ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा है कि एफआईआर ऐसे कंटेंट के साथ लिखी गयी है,जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाये। युगलपीठ ने आदेश में उल्लेखित कंटेंट के बारे बताते हुए एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। इसके अलावा एफआईआर में पुलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जाएगी। गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन यहां भी शाह को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पहले इसी कोर्ट ने बुधवार को विजय शाह के बयान पर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जैसा घातक बताया। हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए डीजीपी को विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। आज राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेस विधायक एफआईआर के बाद भी मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कड़ा रुख अपनाया है। सिंघार ने कहा कि वो और उनके कांग्रेस विधायकदल के सदस्य शुक्रवार सुबह 10.30 बजे राज्यपाल महोदय से मिलेगा और विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग करेगा। सिंघार ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्री विजय शाह से इस्तीफा लेने में विफल रहे है। ऐसा लगता है कि भाजपा के नेता विजय शाह के सामने कठपुतली बन गए हैं। अगर विजय शाह जी में थोड़ी भी इंसानियत बची है तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय शाह को फटकार लगाई है और हाइकोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्हें उन्हें शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने न केवल एक महिला का अपमान किया हैं बल्कि भारतीय सेना का भी अपमान कर रहे हैं। शाह के बंगले की सुरक्षा बढ़ाई इधर गुरुवार को मंत्री विजय शाह के बंगले के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। गुरुवार को ही महिला कांग्रेस बंगले के बाहर प्रदर्शन करने पहुंची थीं। उनके प्रदर्शन के दौरान ही बंगले के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। अतिरिक्त फोर्स लगाने की भी जानकारी सामने आई थी। विनोद कुमार उपाध्याय, 15 मई, 2025