नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को न्यायमूर्ति केम्पैया सोमशेखर को मणिपुर हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश की है। वर्तमान चीफ जस्टिस डी. कृष्णकुमार 21 मई को रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 15 मई 2025 को अपनी बैठक में कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केम्पैया सोमशेखर को मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है, जो 21 मई 2025 को न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार की सेवानिवृत्ति के बाद होगा। 15 सितंबर 1963 को जन्मे न्यायमूर्ति सोमशेखर को नवंबर 2016 में इलाहाबाद उच्च हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था। उन्होंने नवंबर 2018 में कर्नाटक हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उन्हें सीधे 17 जून 1998 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बीजापुर और बेंगलुरु के सिटी सिविल कोर्ट में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में सेवा दी। उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार न्यायिक और रजिस्ट्रार सतर्कता के रूप में भी कार्य किया है। बेंच में पदोन्नति से पहले, न्यायमूर्ति सोमशेखर ने मैसूरु और चामराजनगर में सिविल और आपराधिक पक्षों में वकालत की थी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले प्रक्रिया के मुताबिक भारत के सीजेआई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव पेश करते हैं। इसमें प्रावधान किया गया है कि नियुक्ति की प्रक्रिया समय रहते शुरू की जानी चाहिए ताकि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए प्रत्याशित रिक्ति की तिथि से कम से कम एक माह पहले यह प्रक्रिया पूरी हो जाए। सीजेआई सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठ न्यायाधीशों, जिन्हें आमतौर पर कॉलेजियम के रूप में जाना जाता है, उनके परामर्श से हाईकोर्ट के किसी अवर न्यायाधीश को उस उच्च न्यायालय या किसी अन्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए अपनी सिफारिश भेजेंगे। इसके अलावा, सीजेआई सर्वोच्च न्यायालय में अपने सबसे वरिष्ठ सहयोगी के विचार भी जान लेते हैं, जो उस हाईकोर्ट के मामलों से परिचित होता है, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति कार्य कर रहा है और जिसकी राय उम्मीदवार की उपयुक्तता पर निर्णय लेने में अहम हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश मिलने के बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री संबंधित राज्य सरकार के विचार करेंगे। राज्य सरकार के विचार प्राप्त होने के बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री प्रधानमंत्री को प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे, जो चयन के बारे में राष्ट्रपति को सलाह देंगे। इसके बाद जैसे ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिली है, न्याय विभाग नियुक्ति की घोषणा करता है और भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी करता है। सिराज/ईएमएस 16मई25