- सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी से मांगी रिपोर्ट; 25 जुलाई को पेश करना होगी भोपाल (ईएमएस)। भोपाल की आदमपुर कचरा खंती में अप्रैल में लगी भीषण आग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को फटकार लगाई है। वहीं, इस घटना की जांच सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) से मांगी गई है। 6 सप्ताह बाद यानी, 25 जुलाई को इस केस की सुनवाई होगी। मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से जुड़ा है। भोपाल के पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी. पांडे ने आदमपुर खंती में आग लगने की घटनाओं को लेकर एनजीटी में मार्च 2023 में याचिका दाखिल की थी। इस पर 31 जुलाई-23 को नगर निगम पर 1 करोड़ 80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ निगम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसमें निगम की ओर से जुर्माने की राशि माफ किए जाने की मांग रखी गई। दूसरी ओर, पर्यावरणविद् डॉ. पांडे की ओर से अभिभाषक हर्षवर्धन पांडे ने पक्ष रखा। वकील ने तर्क रखा- आग अभी भी लग रही है पर्यावरणविद् डॉ. पांडे ने बताया, सुनवाई के दौरान अभिभाषक पांडे ने कोर्ट में तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि जिस बात के लिए निगम ने याचिका दाखिल की है, वह तो अभी भी लग रही है। पांडे ने 22 अप्रैल को आदमपुर खंती में लगी भीषण आग का उल्लेख भी किया। यह आग कई दिन में बुझी। धुआं कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई दिया। अर्जेंट सुनवाई में कोर्ट ने आदेश दिया डॉ. पांडे ने बताया कि 22 अप्रैल को लगी आग को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका दाखिल की थी। जिस पर अर्जेंट सुनवाई की गई। इसमें बताया कि यह आग 15 दिन तक लगी रही। इस कारण आसपास के कई गांव के लोग प्रभावित हुए। आज आदेश में कोर्ट ने कहा कि नगर निगम सॉलिड वेस्ट का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि नियमों का पालन करते तो कचरे का इतना बड़ा पहाड़ नहीं लगता। कचरे के ढेर अलग-अलग होने चाहिए थे। यदि ऐसा होता तो इतनी भीषण आग नहीं लगती। खंती के आसपास ग्रीन बेल्ट नहीं पांडे ने बताया, सुप्रीम कोर्ट की बैंच के सामने वकील पांडे ने स्ट्रॉन्ग तरीके से अपना पक्ष रखा। जिसमें कचरा खंती के आसपास ग्रीन बेल्ट नहीं होने की बात भी कहीं गई। इसलिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को शामिल करके जांच करवाई जाए। इस पर बैंच ने बोर्ड को जांच करने के आदेश दिए। साथ ही आग कैसे लगी? इसके बारे में भी बताया। 6 सप्ताह में सीपीसीबी जांच करके रिपोर्ट देगा। पहले निगम ने 11 अगस्त को सुनवाई करने की बात कही थी, लेकिन कोर्ट ने यह नहीं माना। आग से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं दें निगम को आदेश दिया कि मौके पर जाकर आसपास के गांवों के लोगों की स्वास्थ्य जांच करवाएं। ताकि, पता चल सके कि सेहत को लेकर क्या-क्या परेशानी है? और उन्हें किस प्रकार से ठीक कराया जा सकता है। विनोद / 16 मई 25