16-May-2025
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भोपाल(ईएमएस)। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान ने एक जीवनरक्षक उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में, एम्स भोपाल में एक जटिल ब्रेन एनेउरिज़म का उपचार अत्याधुनिक एवं न्यूनतम इनवेसिव पिनहोल प्रक्रिया के माध्यम से सफलतापूर्वक किया गया। यह प्रक्रिया मरीज की कलाई की नस के माध्यम से की गई, जिससे ओपन ब्रेन सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी। 60 वर्षीय महिला मरीज को जटिल बेसिलर आर्टरी एनेउरिज़म के फटने के कारण सब-अरैकनॉयड हेमरेज हुआ था। इसके उपरांत, उन्हें एम्स भोपाल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी ट्रीटमेंट सेंटर में रेफर किया गया, जहाँ विशेषज्ञ टीम ने एंडोवैस्कुलर तकनीक के अंतर्गत स्टेंट-असिस्टेड कॉइलिंग की सलाह दी। इस प्रक्रिया के तहत, मरीज की कलाइ की एक सूक्ष्म धमनी में अत्यंत बारीक छेद के माध्यम से एक कैथेटर डाला गया। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट्स की टीम ने इसे अत्यंत सटीकता के साथ मस्तिष्क में स्थित एनेउरिज़म तक पहुंचाया। वहाँ एक स्टेंट स्थापित किया गया और बहुत ही सूक्ष्म कॉइल्स द्वारा एनेउरिज़म को भरा गया, जिससे रक्तस्राव की पुनरावृत्ति की संभावना समाप्त हो गई। यह संपूर्ण प्रक्रिया बिना किसी बड़े चीरे के संपन्न की गई और मरीज कुछ ही दिनों में स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दी गई। यह अत्याधुनिक उपचार एम्स भोपाल की इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट्स, न्यूरोसर्जन्स, क्रिटिकल केयर फिजीशियन्स एवं न्यूरोलॉजिस्ट्स की समन्वित टीम के प्रयासों से संभव हो सका। इस इलाज की खास बात यह है कि यह आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ। मरीज, जो इस योजना का लाभार्थी था, को इस महंगे इलाज के लिए अपनी जेब से कोई पैसा नहीं देना पड़ा। उन्हें बिना किसी भुगतान के अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ मिलीं। इस अवसर पर, डॉ. राजेश मलिक (विभागाध्यक्ष, रेडियोलॉजी डायग्नोसिस) एवं डॉ. अमन कुमार (इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट) ने स्वास्थ्यकर्मियों तथा आमजन को एम्स भोपाल में उपलब्ध ऐसी उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के प्रति अधिक जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने चिकित्सकीय टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह सफलता एम्स भोपाल के लिए एक मील का पत्थर है। यह हमारे संस्थान की उन्नत, रोगी-केंद्रित चिकित्सा सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं आमजन और स्वास्थ्यकर्मियों से आग्रह करता हूँ कि वे एम्स भोपाल में उपलब्ध इन आधुनिक उपचार सुविधाओं के बारे में जागरूक हों, ताकि समय रहते प्रभावी इलाज हर जरूरतमंद को मिल सके।” हरि प्रसाद पाल / 16 मई, 2025