रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शुक्रवार सुबह एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने लखमा के करीबियों के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर और दंतेवाड़ा में 13 और रायपुर में 2 स्थानों पर दबिश दी गई है। जिन ठिकानों पर छापा मारा गया है, उनमें जगदलपुर के व्यापारी प्रेम मिघलानी, रायपुर के संतोषी नगर में स्थित नहाटा परिवार और अम्बिकापुर के बड़े कपड़ा व्यापारी व सप्लायर धजाराम इंटरप्राइजेज के मालिक अशोक अग्रवाल व मुकेश अग्रवाल शामिल हैं। छापेमारी की कार्रवाई सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई, जब एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा की टीमों ने संबंधित ठिकानों पर एक साथ दस्तक दी। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं और शराब घोटाले में इनकी संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इससे पहले 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के आवास पर छापेमारी की थी। इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वह रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। शराब घोटाले में ईडी पहले ही 3773 पन्नों का विस्तृत आरोप-पत्र कोर्ट में पेश कर चुकी है। इसमें कवासी लखमा को घोटाले के केंद्र में बताया गया है। आरोप पत्र के अनुसार, लखमा न केवल पूरे सिंडिकेट से परिचित थे बल्कि उन्होंने शराब नीति में बदलाव कर इस घोटाले को संभव बनाया। चालान में यह भी उल्लेख है कि शराब दुकानों के निरीक्षण के लिए विभागीय अनुमति लेने की एक सुनियोजित व्यवस्था बनाई गई थी, ताकि घोटाले से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके। अब तक इस मामले में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है, जिनमें अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और कई निजी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। सत्यप्रकाश(ईएमएस)17 मई 2025