- भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें भी बाजार को दे सकती हैं सकारात्मक दिशा मुंबई (ईएमएस)। बीते सप्ताह करीब चार प्रतिशत तक चढ़े भारतीय शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह मुख्य रूप से कंपनियों के मार्च तिमाही के नतीजों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों और वैश्विक संकेतों पर निर्भर करेगी। प्रमुख कंपनियों जैसे ओएनजीसी, हिंडाल्को, आईटीसी और पावर ग्रिड के परिणामों पर निवेशकों की नजर रहेगी। हाल ही में एफआईआई ने बाजार में भारी निवेश किया है, जिससे तेजी देखने को मिली है। वहीं, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में नरमी और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें भी बाजार को सकारात्मक दिशा दे सकती हैं। इस सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई प्रमुख कारकों पर निर्भर करेगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं कंपनियों के मार्च तिमाही के वित्तीय परिणाम, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश व्यवहार और वैश्विक बाजारों का रुझान। विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों घटकों की गतिविधियों पर निवेशकों की पैनी नजर बनी रहेगी। बाजार के विश्लेषकों ने कहा कि भारत-पाक तनाव कम होने और अन्य प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों के पीछे हटने से अब निवेशकों का ध्यान कंपनियों के तिमाही प्रदर्शन पर केंद्रित हो गया है। इसके साथ ही भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की खबरें भी बाजार की धारणा को सहारा दे सकती हैं। देश के भीतर के घटनाक्रम के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक संकेत और व्यापार समझौते से जुड़ी खबरें भी बाजार की चाल को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार भारत अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क में कटौती करने को तैयार है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता जल्द हो सकता है। इस सप्ताह पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, सन फार्मा, आईटीसी, और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी प्रमुख कंपनियां अपने नतीजे पेश करेंगी। बाजार के विश्लेषकों ने कहा कि जब तक कोई बड़ा वैश्विक या घरेलू समाचार नहीं आता, तब तक बाजार की चाल पूरी तरह इन कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एफआईआई की खरीदारी में आई तेजी बाजार को मजबूत सहारा दे सकती है। सतीश मोरे/18मई ---
processing please wait...